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Hindi

संत कुमार टंडन ‘रसिक’ की रचनाएँ

अन्नू का तोता ‘बाबा, बाबा’ बोला पोता, ‘लाल, दुलारे तू क्यों रोता?’ ‘ला दो पिंजला, ला दो तोता बला नहीं, बछ छोता-छोता।’ अन्नू जी ने… Read More »संत कुमार टंडन ‘रसिक’ की रचनाएँ

संज्ञा सिंह की रचनाएँ

नमक बादलों धैर्य मत खोना अभी मेरे होंठों में नमी बरकरार है उमड़ते-घुमड़ते गरज़ते और दौड़ते रहना आँखों में झलक रहा है पानी अभी खाया… Read More »संज्ञा सिंह की रचनाएँ

संजू शब्दिता की रचनाएँ

अब्र ने चाँद की हिफ़ाजत की  अब्र ने चाँद की हिफ़ाजत की चाँद ने खुद भी खूब हिम्मत की आज दरिया बहुत उदास लगा एक… Read More »संजू शब्दिता की रचनाएँ

अशोक शाह की रचनाएँ

पहले एक घर थी धरती मकान सभ्यता की पूर्ण विराम की तरह गड़ें है धरती की छाती में आदमी जब से पैदा हुआ आदमी के… Read More »अशोक शाह की रचनाएँ

संजीव सूरी की रचनाएँ

लड़कियाँ लड़कियाँबड़ा अच्छा लगता हैजब लदअकियाँ स्वप्न देखती हैंउनके ख़्वाब होते हैं उन्हीं की तरहरेशमी, मुलायम और महीन. स्वप्न देखती लड़कियों के पुरख़ुलूस चेहरोंपर हो… Read More »संजीव सूरी की रचनाएँ

अशोक शर्मा की रचनाएँ

माँ  तुम नहीं हो बताओ तो अब कौन से घर जाऊं मैं!! मन करता है बस जिंदा रह कर भी मर जाऊं मैं!! तुम्हारे चले… Read More »अशोक शर्मा की रचनाएँ

अशोक वाजपेयी की रचनाएँ

अपनी आसन्नप्रसवा माँ के लिए / काँच के टुकड़े  काँच के आसमानी टुकड़े और उन पर बिछलती सूर्य की करुणा तुम उन सबको सहेज लेती… Read More »अशोक वाजपेयी की रचनाएँ

संजीव बख़्शी की रचनाएँ

गरियाबंद  गरियाबंद के तहसील आफ़िस वाले शिवमंदिर में ट्रेज़री का बड़ा बाबू बिना नागा प्रतिदिन एक दिया जलाया करता मेरी स्मृतियों में वह हमेशा वहाँ… Read More »संजीव बख़्शी की रचनाएँ

संजीव ठाकुर की रचनाएँ

समाचार दीखता है खालीपन मन जहां-जहां दौड़ता है दौड़ने से थककर अंधेर शुष्क कोने में एक बूंद पानी की प्यास तक अधूरी रह जाती है,… Read More »संजीव ठाकुर की रचनाएँ

अशोक लव की रचनाएँ

कैसे- कैसे पल डगमगाते पग नन्हें शिशु तुतलाती ध्वनियाँ स्नेह भरी कल-कल बहती नदी अंतर्मन में समा-समा जाती निश्छल मुस्कानें! उफ़! खो गए तुतलाते स्वर… Read More »अशोक लव की रचनाएँ