अरविन्द अवस्थी की रचनाएँ
दरार में उगा पीपल ज़मीन से बीस फीट ऊपर किले की दीवार की दरार में उगा पीपल महत्त्वाकांक्षा की डोर पकड़ लगा है कोशिश में… Read More »अरविन्द अवस्थी की रचनाएँ
दरार में उगा पीपल ज़मीन से बीस फीट ऊपर किले की दीवार की दरार में उगा पीपल महत्त्वाकांक्षा की डोर पकड़ लगा है कोशिश में… Read More »अरविन्द अवस्थी की रचनाएँ
पता नहीं कहाँ छोड़कर चली गई है, मुझे रजाई, पता नहीं। इतनी जल्दी मुर्गे ने क्यों, बाँग लगाई, पता नहीं। क्या है यह गड़बड़ घोटाला,… Read More »अरविंद राज की रचनाएँ
अगर अगर उन्हें आवाज मिले तो क्या बोलेंगे फूल, सबसे पहले वह बोलेंगे हमें तोड़ना भूल। अगर उन्हें उड़ना आ जाता काँटा क्या कर पाते,… Read More »अरविंद बख्शी की रचनाएँ
सबने देखा पेड़ जब शीश नवाते हैं पात जब गौरव पाते हैं, हवा सिंहासन पर चढ़कर सवारी लेकर आती है। हवा को सबने देखा है।… Read More »अरविंद कुमार की रचनाएँ
आ जाए न रात कश्तियों में आ जाए न रात कश्तियों में फेंकूँ न चराग़ पानियों में इक चादर-ए-ग़म बदने पे ले कर दर-दर फिरता… Read More »अय्यूब ख़ावर की रचनाएँ
प्रेमबंधन जो किसी के भी नहीं बाँधे बँधे। प्रेमबंधदन से गये वे ही कसे। तीन लोकों में नहीं जो बस सके। प्यारवाली आँख में वे… Read More »अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ की रचनाएँ
बे-इंतिहा होना है तो इस ख़ाक के हो जाओ बे-इंतिहा होना है तो इस ख़ाक के हो जाओ इमकाँ की मुसाफ़त करो अफ़लाक के हो… Read More »शहपर’ रसूल की रचनाएँ
हम-सफ़र ज़ीस्त का सूरज को बनाए रक्खा हम-सफ़र ज़ीस्त का सूरज को बनाए रक्खा अपने साए से ही क़द अपना बढ़ाए रक्खा शोला-ए-याद को लिपटाए… Read More »शहनाज़ नूर की रचनाएँ
एक ऊब घर, इत्मीनान, नींद और ख़्वाब सबके हिस्से में नहीं आते जैसे खाने की अच्छी चीज़ें सब को नसीब नहीं होतीं जीवन के अर्थ… Read More »शहनाज़ इमरानी की रचनाएँ
चुप के आलम में वो तस्वीर सी सूरत उस की चुप के आलम में वो तस्वीर सी सूरत उस की बोलती है तो बदल जाती… Read More »शहजाद अहमद की रचनाएँ