अबू आरिफ़ की रचनाएँ
अज़्म मोहकम करके दिल में ये ही एक सहारा है अज़्म मोहकम करके दिल में ये ही एक सहारा है दरिया हो या कि समन्दर… Read More »अबू आरिफ़ की रचनाएँ
अज़्म मोहकम करके दिल में ये ही एक सहारा है अज़्म मोहकम करके दिल में ये ही एक सहारा है दरिया हो या कि समन्दर… Read More »अबू आरिफ़ की रचनाएँ
गया तो हुस्न न दीवार में न गया तो हुस्न न दीवार में न दर में था वो एक शख़्स जो मेहमान मेरे घर में… Read More »अबुल मुजाहिद ‘ज़ाहिद’ की रचनाएँ
एहसास लम्हात का हयूला कुछ भूलने लगा था आवाज़ का सरापा कुछ ऊँघने लगा था सन्नाटा पा-शिकस्ता कुछ बोलने लगा था वहश्त-ज़दा सा कमरा कुछ… Read More »अबरार आज़मी की रचनाएँ
गुरेज़ाँ था मगर ऐसा नहीं था गुरेज़ाँ था मगर ऐसा नहीं था ये मेरा हम-सफ़र ऐसा नहीं था यहाँ मेहमाँ भी आते थे हवा भी… Read More »अबरार अहमद की रचनाएँ
फ़लक उन से जो बढ़ कर बद-चलन होता फ़लक उन से जो बढ़ कर बद-चलन होता तो क्या होता जवाँ से पेश-रौ पीर-ए-कोहन होता तो… Read More »‘अफसर’ इलाहाबादी की रचनाएँ
बहुत न हौसला-ए-इज़्ज़-ओ-जाह मुझ से हुआ बहुत न हौसला-ए-इज़्ज़-ओ-जाह मुझ से हुआ फ़क़त फ़राज़-ए-नगीन-ओ-निगाह मुझ से हुआ चराग़-ए-शब ने मुझे अपने ख़्वाब में देखा सितारा-ए-सहरी… Read More »अफ़ज़ाल अहमद सय्यद की रचनाएँ
गिर पड़ा तू आख़िरी ज़ीने का छू कर किस लिए गिर पड़ा तू आख़िरी ज़ीने का छू कर किस लिए आ गया फिर आसमानों से… Read More »अफ़ज़ल मिनहास की रचनाएँ
आई थी उस तरफ़ जो हवा कौन ले गया आई थी उस तरफ़ जो हवा कौन ले गया ख़ाली पड़ा है ताक़ दिया कौन ले… Read More »अफ़ज़ल गौहर राव की रचनाएँ
तीन बार कहना विदा भोर के जामुनी एकांत मे जब रात का थका-हारा उनींदा शुक्रतारा टूट कर गिरने को होगा अपनी नींद की भंवर मे… Read More »अपूर्व शुक्ल की रचनाएँ
मिनौती हर नारी मिनौती है.. यहाँ दृश्य अरुणाचल का है, इसलिए बाँस, धान, सूरज, सीतापुष्प, पहाड़ के बिम्ब भी उसी प्रदेश के हैं। बरई, न्यिओगा… Read More »अपर्णा भटनागर की रचनाएँ