हरीश भादानी की रचनाएँ
राजस्थानी कविता संग्रह बाथां में भूगोल रेत रै समंदर रौ पांणी खाथौ चाल रे खाथौ चाल रे कमतरिया देखलै सींवपाछौ धिरयौ हैरंभावतौ रेवड़उठतै रेतड़ सूंकंवळाइजै… Read More »हरीश भादानी की रचनाएँ
राजस्थानी कविता संग्रह बाथां में भूगोल रेत रै समंदर रौ पांणी खाथौ चाल रे खाथौ चाल रे कमतरिया देखलै सींवपाछौ धिरयौ हैरंभावतौ रेवड़उठतै रेतड़ सूंकंवळाइजै… Read More »हरीश भादानी की रचनाएँ
हंगामा है क्यूँ बरपा हंगामा है क्यूँ बरपा, थोड़ी सी जो पी ली है डाका तो नहीं डाला, चोरी तो नहीं की है ना-तजुर्बाकारी से,… Read More »अकबर इलाहाबादी की रचनाएँ
कविता संग्रह नेपथ्य में अंधेरा कविता-संग्रह नेपथ्य में अंधेरा मंच पर रोशनीनेपथ्य में अंधेरासारतत्त्वयही मेरा। दर्शकों की भीड़ मेंतालियों की गूँज मेंखोया है कहींसपनों का… Read More »हरानन्द की रचनाएँ
कलजुगी दोहे केवल परनिंदा सुने, नहीं सुने गुणगान। दीवारों के पास हैं, जाने कैसे कान ।। सूफी संत चले गए, सब जंगल की ओर। मंदिर… Read More »अंसार कम्बरी की रचनाएँ
आँखों में वो ख़्वाब नहीं बसते, पहला सा वो होल नही होता आँखों में वो ख़्वाब नहीं बसते, पहला सा वो होल नही होता अब… Read More »हिलाल फ़रीद की रचनाएँ
फुहारे आसमान से बरसता पानी कभी तेज़ कभी रिमझिम … सुखद अहसास है … ठंडी हवाओं का चलना और बालकनी में बैठ फुहारों से खेलना… Read More »अंशु हर्ष की रचनाएँ
नवगीत-संग्रह होंठ नीले धूप में दुख नदी भर सुख अंजुरि-भर दुख नदी-भर जी रहे दिन-रात सीकर! ढही भीती उड़ी छानी मेह सूखे आँख पानी फड़फड़ाते… Read More »हरीश निगम की रचनाएँ
तितली रानी तितली रानी, तितली रानी! कौन देश से आती हो, फूल-फूल का रस पीतो हो फिर झट से उड़ जाती हो। अपने इन सुंदर… Read More »अंशु शुक्ला की रचनाएँ
अकेले … और … अछूत … हम तुमसे क्या उम्मीद करते बाम्हन देव! तुमने तो ख़ुद अपने शरीर के बायें हिस्से को अछूत बना डाला,… Read More »अंशु मालवीय की रचनाएँ
Paragraph धुँआ (1) ये कैसे बादल हैंजो बिन मौसम के हैं,ये आसमान में नहीं रहतेरहते हैं, गली कूचों में । इन बादलों सेसूरज की रोशनी… Read More »हरबिन्दर सिंह गिल की रचनाएँ