अंजू शर्मा की रचनाएँ
आत्मा मैं सिर्फ एक देह नहीं हूँ, देह के पिंजरे में कैद एक मुक्ति की कामना में लीन आत्मा हूँ, नृत्यरत हूँ निरंतर, बांधे हुए… Read More »अंजू शर्मा की रचनाएँ
आत्मा मैं सिर्फ एक देह नहीं हूँ, देह के पिंजरे में कैद एक मुक्ति की कामना में लीन आत्मा हूँ, नृत्यरत हूँ निरंतर, बांधे हुए… Read More »अंजू शर्मा की रचनाएँ
आईना साफ़ था धुँधला हुआ रहता था मैं आईना साफ़ था धुँधला हुआ रहता था मैं अपनी सोहबत में भी घबराया हुआ रहता था मैं… Read More »अंजुम सलीमी की रचनाएँ
दुखी दिलों की लिए ताज़याना रखता है दुखी दिलों की लिए ताज़याना रखता है हर एक शख़्स यहाँ इक फ़साना रखता है किसी भी हाल… Read More »अंजुम रूमानी की रचनाएँ
मिलना था इत्तिफ़ाक़ बिछड़ना नसीब था मिलना था इत्तिफ़ाक़ बिछड़ना नसीब था वो उतनी दूर हो गया जितना क़रीब था मैं उस को देखने को… Read More »अंजुम रहबर की रचनाएँ
प्रयत्न सर झुकाने की बारी आये ऐसा मैं कभी नहीं करूँगा पर्वत की तरह अचल रहूँ व नदी के बहाव सा निर्मल शृंगारित शब्द नहीं… Read More »अंजना संधीर की रचनाएँ
चाय पीती वह गरीब औरत हल्की बूँदा-बाँदी में भी लपेट ली है उसने शाल काली, मैली शाल देह पर डाले झुर्रियों वाले मुँह से झरती… Read More »अंजना वर्मा की रचनाएँ
धरती और आसमान मैं? मैं हूँ एक प्यारी सी धरती कभी परिपूर्णता से तृप्त और कभी प्यासी आकाँक्षाओं में तपती. और तुम? तुम हो एक… Read More »अंजना भट्ट की रचनाएँ
गुलाबी रंगों वाली वो देह मेरे भीतर कई कमरे हैं हर कमरे में अलग-अलग सामान कहीं कुछ टूटा-फूटा तो कहीं सब कुछ नया! एकदम मुक्तिबोध… Read More »अंजना बख्शी की रचनाएँ
पिता अंतिम यात्रा पर निकले पिता आँगन में कितनी जगह रह जाते हैं, खाट के निचे चप्पल और छड़ी में बैठक के रेडियो और जेब… Read More »अंजना टंडन की रचनाएँ
समय की शिला पर समय की शिला पर मधुर चित्र कितने किसी ने बनाए, किसी ने मिटाए। किसी ने लिखी आँसुओं से कहानी किसी ने… Read More »शंभुनाथ सिंह की रचनाएँ