सलीम अहमद की रचनाएँ
बैठे हैं सुनहरी कश्ती में और सामने नीला पानी है बैठे हैं सुनहरी कश्ती में और सामने नीला पानी है वो हँसती आँखें पूछती हैं… Read More »सलीम अहमद की रचनाएँ
बैठे हैं सुनहरी कश्ती में और सामने नीला पानी है बैठे हैं सुनहरी कश्ती में और सामने नीला पानी है वो हँसती आँखें पूछती हैं… Read More »सलीम अहमद की रचनाएँ
रद्द-ए-अमल इक हक़ीक़त इक तख़य्युल नक़रई सी एक कश्ती दो मुनव्व क़ुमकमे इन पे मग़रूर थी इस ज़मीं की हूर थी किस क़दर मसरूर थी… Read More »सलाम मछलीशहरी की रचनाएँ
दोस्ती कुछ नहीं उल्फ़त का सिला कुछ भी नहीं दोस्ती कुछ नहीं उल्फ़त का सिला कुछ भी नहीं आज दुनिया में बजुज़ ज़ेहन-रसा कुछ भी… Read More »सलमान अख़्तर की रचनाएँ
देह का संगीत मूझे चूमो और फूल बना दो मुझे चूमो और फल बना दो मुझे चूमो और बीज बना दो मुझे चूमो और वृक्ष… Read More »सर्वेश्वरदयाल सक्सेना की रचनाएँ
नज़्में बाढ़ या सूखा ….. पीठ पर, लोगों ने फिर रख लीं सलीबें हैं, हाकिमों के हाथों में शायद जरीबें हैं। ‘राजधानी कूच’ का पैगाम… Read More »सर्वत एम जमाल की रचनाएँ
गुड़िया के गहने गुड़िया के घर आए चोर! गुड़िया मचा सकी ना शोर कुत्ते ने पूछा-भौं-भौं गुड़िया रानी, तू चुप क्यों? कौए ने पूछा-काँ-काँ तेरे… Read More »सरोजिनी प्रीतम की रचनाएँ
भूकंप माँ! धरती क्यों डोल रही थी, ‘घुर-घुर’ कर क्यों बोल रही थी? इसके ऊपर हम रहते हैं, कूद-फाँद करते रहते हैं। तब सह लेती… Read More »सरोजिनी कुलश्रेष्ठ की रचनाएँ
मेरे मामा मेरे मामा बड़े निराले, थोड़े गोरे थोड़े काले। मुझको कहते गड़बड़झाला पर खुद पूरे गरम मसाला, जाने कितने तोते पाले! मेरे मामा बड़े… Read More »सरोजिनी अग्रवाल की रचनाएँ
गृहस्थी की काँवर परिणय मंडप में धरे गए दो कलशों में बराबर, भरे गए मधुर संबंधों के सभी तत्व प्रेम, मैत्री, स्नेह और विश्वास और… Read More »सरोज सिंह की रचनाएँ
टूटे पंखों वाली चिड़िया अलसुबह जब तुम नर्म घास घास पर हल्के-से पाँव रखते हो तुम्हारे पिछवाड़े की गली में नगर पालिका के नल पर… Read More »सरोज परमार की रचनाएँ