आलोक यादव की रचनाएँ
बाज़ ख़त पुरअसर भी होते हैं बाज़ ख़त पुरअसर[1] भी होते हैं नामाबर[2] चारागर[3] भी होते हैं हुस्न की दिलकशी पे नाज़ न कर आईने बदनज़र[4] भी होते हैं… Read More »आलोक यादव की रचनाएँ
बाज़ ख़त पुरअसर भी होते हैं बाज़ ख़त पुरअसर[1] भी होते हैं नामाबर[2] चारागर[3] भी होते हैं हुस्न की दिलकशी पे नाज़ न कर आईने बदनज़र[4] भी होते हैं… Read More »आलोक यादव की रचनाएँ