ताजवर नजीबाबादी की रचनाएँ
मोहब्बत में ज़बाँ को मैं नवा-संज-ए-फ़ुग़ाँ कर लूँ मोहब्बत में ज़बाँ को मैं नवा-संज-ए-फ़ुग़ाँ कर लूँ शिकस्ता दिल की आहों को हरीफ़-ए-ना-तवाँ कर लूँ न… Read More »ताजवर नजीबाबादी की रचनाएँ
मोहब्बत में ज़बाँ को मैं नवा-संज-ए-फ़ुग़ाँ कर लूँ मोहब्बत में ज़बाँ को मैं नवा-संज-ए-फ़ुग़ाँ कर लूँ शिकस्ता दिल की आहों को हरीफ़-ए-ना-तवाँ कर लूँ न… Read More »ताजवर नजीबाबादी की रचनाएँ