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बाक़ी सिद्दीक़ी की रचनाएँ

अपनी धूप मे भी कुछ जल अपनी धूप मे भी कुछ जल हर साए के साथ न ढल लफ़्ज़ों के फूलों पे न जा देख… Read More »बाक़ी सिद्दीक़ी की रचनाएँ

‘बाकर’ मेंहदी की रचनाएँ

अब ख़ानमाँ-ख़राब की मंज़िल यहाँ नहीं ‎ अब ख़ानमाँ-ख़राब की मंज़िल यहाँ नहीं कहने को आशियाँ है मगर आशियाँ नहीं इश्‍क़-ए-सितम-नवाज़ की दुनिया बदल गई… Read More »‘बाकर’ मेंहदी की रचनाएँ

बाक़र आग़ा वेलोरी की रचनाएँ

अगरचे दिल को ले साथ अपने आया अश्क मिरा अगरचे दिल को ले साथ अपने आया अश्क मिरा निगाह में तिरी हरगिज़ न भाया अश्क… Read More »बाक़र आग़ा वेलोरी की रचनाएँ

बहिणाबाई की रचनाएँ

ये गोकुल चल हो ये गोकुल चल हो कहत मुरारी। मेघ तुसार निवारे फनिधर सेवा करे बलिहारी॥ बसुवा अपने कर दीन्हो पालख योंही कीन्हो जमुना… Read More »बहिणाबाई की रचनाएँ

बहादुर शाह ज़फ़र की रचनाएँ

पसे-मर्ग मेरे मजार पर पसे-मर्ग मेरी मजार पर जो दिया किसी ने जला दिया । उसे आह! दामन-ए-बाद ने सरेशाम ही से बुझा दिया ।।… Read More »बहादुर शाह ज़फ़र की रचनाएँ

बहादुर पटेल की रचनाएँ

शब्द हमारे पास शब्दों की कमी बहुत यही वज़ह है कि बचा नहीं सकते कुछ भी ऎसा कि जैसे चिड़िया की चहचहाहट सब कुछ होते… Read More »बहादुर पटेल की रचनाएँ

बहज़ाद लखनवी की रचनाएँ

ऐ जज़्ब-ए-दिल गर मैं चाहूँ ऐ जज़्ब-ए-दिल गर मैं चाहूँ हर चीज़ मुक़ाबिल आ जाए मंज़िल के लिए दो गाम चलूँ और सामने मंज़िल आ… Read More »बहज़ाद लखनवी की रचनाएँ

बसन्तजीत सिंह हरचंद की रचनाएँ

लोहा मैं किसी जयप्रकाश से न मिला, किसी विनोबा के आश्रम में वसन्त बनकर न खिला किसी भी गांधी की लाठी न हुआ, मुझे किसी… Read More »बसन्तजीत सिंह हरचंद की रचनाएँ

बसंत देशमुख की रचनाएँ

आँखों में ख़ुशनुमा कई मंज़र लिए हुए आँखों में ख़ुशनुमा कई मंज़र लिए हुए कैसे हैं लोग गाँव से शहर गए हुए सीने में लिए… Read More »बसंत देशमुख की रचनाएँ

बसंत त्रिपाठी की रचनाएँ

मैं बनारस कभी नहीं गया हिन्दी का ठेठ कवि अपने जनेऊ या जनेऊनुमा सँस्कार पर हाथ फेरता हुआ चौंकता है मेरी स्वीकारोक्ति पर अय्..बनारस नहीं… Read More »बसंत त्रिपाठी की रचनाएँ