ऋतु त्यागी की रचनाएँ
मैं अपने हर जन्म में “मैं अपने हर जन्म में स्त्री ही होना चाहूँगी”। मैंने एक दिन अपनी प्रार्थना ईश्वर के कानो में फुसफुसायी। ईश्वर… Read More »ऋतु त्यागी की रचनाएँ
मैं अपने हर जन्म में “मैं अपने हर जन्म में स्त्री ही होना चाहूँगी”। मैंने एक दिन अपनी प्रार्थना ईश्वर के कानो में फुसफुसायी। ईश्वर… Read More »ऋतु त्यागी की रचनाएँ
उदासीनीकरण नही हो सकता कोई शत प्रतिशत अच्छा या बुरा बिलकुल ही … मौजूद होती है मनुष्य में अच्छाइयाँ और बुराइयाँ अम्ल और क्षार की… Read More »ऋचा दीपक कर्पे की रचनाएँ
अरुणा शानबाग का कमरा क्या केवल एक पत्ता है अरुणा शानबाग का कमरा जो समय की हवा पाकर उड़ जाएगा या कि भूल जाएँगी दीवारें… Read More »उषा राय की रचनाएँ
देखा है मैंने श्वेत,शुभ्र बादलों का समूह अनेक आकृतियाँ बनाता है विलीन हो जाता है देखा है मैंने शिल्पी को जो अहंकार शिला की परत-दर… Read More »उषारानी राव की रचनाएँ
एक परी आए एक परी आए, गरमी को दूर भगाए! परी हमारी दोस्त बन जाए साथ हमारे खेले, साथ हमारे गाए! एक परी आए, दुनिया… Read More »शिवांक की रचनाएँ
बदली-बदली-सी है सारी तस्वीर आज बदली-बदली-सी है सारी तस्वीर आज ख़ुद ही तोड़ी है औरत ने ज़ंजीर आज दर्दे दिल में उठी ऐसी है पीर… Read More »उषा यादव उषा की रचनाएँ
तू सो जा, मेरी लाडली तू सो जा, हां सो जा, मेरी लाडली, मेरे घर की बगिया की नन्ही कली! सपनों की दुनिया पुकारे तुझे,… Read More »उषा यादव की रचनाएँ
भ्रष्ट समय में कविता जब ईमानदार को समझा जाता हो बेवकूफ़ समयनिष्ठ को डरपोक, कर्तव्यनिष्ठ को गदहा, तब कविता लिखना-पढ़ना-सुनना और सुनाना भी है बहुत… Read More »उल्लास मुखर्जी की रचनाएँ
बेवजह दिल पे कोई बेवजह दिल पे कोई बोझ न भारी रखिये ज़िन्दगी जंग है इस जंग को जारी रखिये अब कलम से न लिखा… Read More »उर्मिलेश की रचनाएँ
ईश्वर का दास आदमी ने पत्थ रों को काटकर चेहरे गढ़े पत्थ रों को समर्पित हुआ लड़ाइयाँ लड़ीं और समर्पण के बाद की प्रेरणाएँ लीं… Read More »शिवशंकर मिश्र की रचनाएँ