उमाशंकर चौधरी की रचनाएँ
वह औरत उस छोटी खिड़की से जबकि इस बड़े शहर में बड़े-बड़े घर हैं और इन बड़े-बड़े घरों में हैं बड़ी-बड़ी खिड़कियाँ, तब उसके हिस्से… Read More »उमाशंकर चौधरी की रचनाएँ
वह औरत उस छोटी खिड़की से जबकि इस बड़े शहर में बड़े-बड़े घर हैं और इन बड़े-बड़े घरों में हैं बड़ी-बड़ी खिड़कियाँ, तब उसके हिस्से… Read More »उमाशंकर चौधरी की रचनाएँ
पल्लू की कोर दाब दाँत के तले पल्लू की कोर दाब दाँत के तले कनखी ने किये बहुत वायदे भले । कंगना की खनक पड़ी… Read More »उमाकांत मालवीय की रचनाएँ
कुछ नहीं बदलेगा कभी-कभी मन के भीतर घनचक्कर की तरह घूमता है एक सवाल — आज की रात मैं सोऊँ, और सोई ही रह जाऊँ,… Read More »उमा अर्पिता की रचनाएँ
मैं किसके नाम लिखूँ, जो अलम गुज़र रहे हैं मैं किसके नाम लिखूँ, जो अलम गुज़र रहे हैं मेरे शहर जल रहे हैं, मेरे लोग… Read More »उबैदुल्लाह ‘अलीम’ की रचनाएँ
ये जो दर्द है अपने सीने में, ये नया भी है, ये अजीब भी ये जो दर्द है अपने सीने में, ये नया भी है,… Read More »उपेन्द्र कुमार की रचनाएँ
बनारस क्या शहर है बस 1. उगते सूर्य को अर्घ्य देकर ही विदा होती है अरुंधति कालभैरव की आरती करती है अनवरत जलती चिताएं उसी… Read More »उपासना झा की रचनाएँ
अभाव किसे खलेगा मेरा अभाव एक ऐसा पाठ हूँ मैं जिसे शब्द-स्फीत पाठ्यक्रम से हटा दिया गया मैं वह स्वतन्त्रता हूँ ग़ुलामी के दिनों में… Read More »शिवकुटी लाल वर्मा की रचनाएँ
दुर्दशा दत्तापुर श्रीपति कृपा प्रभाव, सुखी बहु दिवस निरन्तर। निरत बिबिध व्यापार, होय गुरु काजनि तत्पर॥१॥ बहु नगरनि धन, जन कृत्रिम सोभा परिपूरित। बहु ग्रामनि… Read More »बदरीनारायण चौधरी ‘प्रेमघन’ की रचनाएँ
बहुत दिनों बाद बहुत दिनों बाद एक गीत लिखा है लेकिन यह गीत नहीं पिछले गीतों जैसा इसमें रोमांटिकता नहीं है सच ! इसमें भावुकता नहीं… Read More »उद्भ्रान्त की रचनाएँ
मैं चलता ‘मैं चलता मेरे साथ नया सावन चलता है, मैं चलता मेरे साथ नया जीवन चलता है। उत्थान पतन-कंदुक पर मैं गिरता और उछलता,… Read More »उदयशंकर भट्ट की रचनाएँ