Skip to content

Authorwise

आलोक श्रीवास्तव-२ की रचनाएँ

कनेर का एक पेड़ और एक रास्ता एक शाम याद आती है धूसर रंगों में डूबी तुम्हारा चेहरा नहीं एक रास्ता याद आता है जिसे… Read More »आलोक श्रीवास्तव-२ की रचनाएँ

आलोक श्रीवास्तव-1 की रचनाएँ

है कश्मीर धरती पे जन्नत का मंज़र पहाड़ों के जिस्मों पे बर्फ़ों की चादर चिनारों के पत्तों पे शबनम के बिस्तर हसीं वादियों में महकती… Read More »आलोक श्रीवास्तव-1 की रचनाएँ

आलोक कुमार मिश्रा की रचनाएँ

डरा हुआ आदमी और कविता राजनीति में मुझे पड़ना नहीं था इसलिए समाज पर लिखी मैंने एक कविता कविता में अनायास उठे कुछ सवाल सवालों… Read More »आलोक कुमार मिश्रा की रचनाएँ

आलोक यादव की रचनाएँ

बाज़ ख़त पुरअसर भी होते हैं बाज़ ख़त पुरअसर[1] भी होते हैं नामाबर[2] चारागर[3] भी होते हैं हुस्न की दिलकशी पे नाज़ न कर आईने बदनज़र[4] भी होते हैं… Read More »आलोक यादव की रचनाएँ

आलोकधन्वा की रचनाएँ

सूर्यास्त के आसमान उतने सूर्यास्त के उतने आसमानउनके उतने रंगलम्बी सडकों पर शामधीरे बहुत धीरे छा रही शामहोटलों के आसपासखिली हुई रौशनीलोगों की भीड़दूर तक… Read More »आलोकधन्वा की रचनाएँ

आले अहमद ‘सरूर’ की रचनाएँ

आज से पहले तेरे मस्तों की ये आज से पहले तेरे मस्तों की ये ख़्वारी न थी मय बड़ी इफ़रात से थी फिर भी सर-शारी… Read More »आले अहमद ‘सरूर’ की रचनाएँ

शाज़ तमकनत की रचनाएँ

अपनी अपनी शब-ए-तनहाई की तंज़ीम करें अपनी अपनी शब-ए-तनहाई की तंज़ीम करें चाँदनी बाँट लें महताब को तक़सीम करें मैं ये कहता हूँ के मुझ… Read More »शाज़ तमकनत की रचनाएँ

शाकिर ‘नाजी’ की रचनाएँ

देख मोहन तेरी कमर की तरफ देख मोहन तेरी कमर की तरफ फिर गया मानी अपने घर की तरफ जिन ने देखे तेरे लब-ए-शीरीं नज़र… Read More »शाकिर ‘नाजी’ की रचनाएँ

शाकिर खलीक की रचनाएँ

कब शौक़ मिरा जज़्बे से बाहर न हुआ था कब शौक़ मिरा जज़्बे से बाहर न हुआ था था कौन सा क़तरा जो समुंदर न… Read More »शाकिर खलीक की रचनाएँ

शाइस्ता यूसुफ़ की रचनाएँ

  बस वही लम्हा आँख देखे बस वही लम्हा आँख देखेगीजिस पे लिखा हुआ हो नाम अपना ऐसा सदियों से होता आया हैलोग करते रहेंगे… Read More »शाइस्ता यूसुफ़ की रचनाएँ