‘अज़हर’ इनायती की रचनाएँ
ग़मों से यूँ वो फ़रार ग़मों से यूँ वो फ़रार इख़्तियार करता था फ़ज़ा में उड़ते परिंदे शुमार करता था बयान करता था दरिया के… Read More »‘अज़हर’ इनायती की रचनाएँ
ग़मों से यूँ वो फ़रार ग़मों से यूँ वो फ़रार इख़्तियार करता था फ़ज़ा में उड़ते परिंदे शुमार करता था बयान करता था दरिया के… Read More »‘अज़हर’ इनायती की रचनाएँ
इश्क़ का राग जो गाना हो मैं उर्दू बोलूं इश्क़ का राग जो गाना हो मैं उर्दू बोलूं किसी रूठे को मनाना हो ,मैं उर्दू… Read More »अजय सहाब की रचनाएँ
पीली धूप माचिस की है तीली धूप, सरसों-सी है पीली धूप। गरम दूध-सी उबल रही है, चूल्हे चढ़ी पतीली धूप। अभी शाम आई थी, डटकर,… Read More »अजय ‘प्रसून’ की रचनाएँ
बंधक सुबहें बंधक सुबहें गिरवी अपनी साँझ दुपहरी है । बड़ी देर तक रात व्यथा से कर सोये संवाद, रोटी की चिंता ने छीना प्रातः… Read More »अजय पाठक की रचनाएँ
रेल चली छुक-छुक रेल चली छुक-छुक,रेल चली छुक-छुक! रेल में थे नाना,साथ लिए खाना।खाना खाया चुप-चुप,रेल चली छुक-छुक! रेल में थी दादी,बिल्कुल सीधी-सादी।देख रही टुक-टुक,रेल… Read More »अजय जनमेजय की रचनाएँ
दुख और पहाड़ दुख और पहाड़ का बहुत गहरा रिश्ता है पहाड़ की गोद में दुख पाता है सुकून और चोटी पर आसन्न रहती है… Read More »अजय कृष्ण की रचनाएँ
करुण चरण कल्याणी जननी करुण चरण कल्याणी जननी मृदुल करो मम् वाणी जननी दया‚ क्षमा का भाव जगा दो दयामयी गुर्बाणी जननी हरो सकल कष्टों… Read More »अजय अज्ञात की रचनाएँ
मैं तेरा शाहजहाँ तू मेरी मुमताज महल मैं तेरा शाहजहाँ तू मेरी मुमताज महल आ तुझे प्यार की अनमोल निशानी दे दूँ हाय ये नाज़… Read More »अजमल सुल्तानपुरी की रचनाएँ
दोपहरी गरमी की दोपहरी में तपे हुए नभ के नीचे काली सड़कें तारकोल की अँगारे-सी जली पड़ी थीं छाँह जली थी पेड़ों की भी पत्ते… Read More »शकुन्त माथुर की रचनाएँ
जा, सपनों से खेलना निंदिया की गोदी में सो जा मेरे लालना! सूरज भी सो गया पेड़ सभी सो गए, पत्तों की गोदी में, फूल… Read More »शकुंतला सिरोठिया की रचनाएँ