अखिलेश श्रीवास्तव ‘चमन’ की रचनाएँ
सूरज-सा चमकें सुमन बनें हम हर क्यारी के बन उपवन महकें, चलो दोस्त! हम सूरज बनकर धरती पर चमकें! एक धरा है, एक गगन है,… Read More »अखिलेश श्रीवास्तव ‘चमन’ की रचनाएँ
सूरज-सा चमकें सुमन बनें हम हर क्यारी के बन उपवन महकें, चलो दोस्त! हम सूरज बनकर धरती पर चमकें! एक धरा है, एक गगन है,… Read More »अखिलेश श्रीवास्तव ‘चमन’ की रचनाएँ
रोज़ बढती जा रही इन खाइयों का क्या करें रोज़ बढती जा रही इन खाइयों का क्या करें भीड़ में उगती हुई तन्हाइयों का क्या… Read More »अखिलेश तिवारी की रचनाएँ
जाकी शक्ति पाइ ब्रह्मा, विष्णु औ महेश रवै कवित्त (घनाक्षरी) जाकी शक्ति पाइ ब्रह्मा, विष्णु औ महेश रवै, जाकी शक्ति पाइ शेष धरनी धरत है ।… Read More »अक्षर अनन्य की रचनाएँ
वृक्ष लंबे फैले रास्तों के दोनों ओर खड़े इन वृक्षों को देखो तो लगेगा- ये कितने साहस से भरे हैं वर्षा और शीत में इनकी… Read More »अक्षय उपाध्याय की रचनाएँ
रह़गुजर महाजे़-जंग पर अक्सर बहुत कुछ खोना पड़ता है महाजे़-जंग पर अक्सर बहुत कुछ खोना पड़ता है किसी पत्थर से टकराने को पत्थर होना पड़ता… Read More »अकील नोमानी की रचनाएँ
ऐ अब्र-ए-इल्तिफ़ात तिरा ए‘तिबार फिर ऐ अब्र-ए-इल्तिफ़ात तिरा ए‘तिबार फिर आँखों में फिर वो प्यास वही इंतिज़ार फिर रख्खूँ कहाँ पे पाँव बढ़ाऊँ किधर क़दम… Read More »अकरम नक़्क़ाश की रचनाएँ
आँख में आँसू का आँख में आँसू का और दिल में लहू का काल है है तमन्ना का वही जो ज़िंदगी का हाल है यूँ… Read More »अकबर हैदराबादी की रचनाएँ
भोर का तारा.. रात की पूछापेखी के बाद नीले घोड़े पर सवार रोज़ मेरा द्वार खटखटाता है भोर का तारा गाँव के निकट बहती नदी… Read More »हुकम ठाकुर की रचनाएँ
Paragraph काला धन मै अदना सा कलमकार हूँ घायल मन की आशा कामुझको कोई ज्ञान नहीं है छंदों की परिभाषा काजो यथार्थ में दीख रहा… Read More »हरिओम पंवार की रचनाएँ
पानी में पौर अगन नाचे सावन चहुँ ओर सघन नाचे चंचल मनमोर मगन नाचे। सन-सन की बीन बजे मेघों का मांदर झम-झम की झांझ और… Read More »हंसकुमार तिवारी की रचनाएँ