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Authorwise

मनोज मोक्षेन्द्र की रचनाएँ

उम्मीद का आम्रतरु उम्मीद का आम्रतरु हर किसी की मन-मृत्तिका इतनी उपजाऊ है कि लहलहाई जा सकती है इस पर उम्मीद तरुओं की फसल उम्मीद… Read More »मनोज मोक्षेन्द्र की रचनाएँ

मनोज मानव की रचनाएँ

अपने गुरु नीरव-नीरव हैं अपने गुरु नीरव-नीरव हैं, करते निज कर्म बखान नहीं। अनमोल करें उपदेश हमें, बस कर्म करो अभिमान नहीं। हम पास गये… Read More »मनोज मानव की रचनाएँ

मनोज पाण्डेय की रचनाएँ

बाबर तुमने अपने बेटे से अपने लिए उसकी जवानी नहीं मांगी न ही उसे चौदह क्या, दो दिन के लिए भी दिया वनवास कि निभ… Read More »मनोज पाण्डेय की रचनाएँ

मनोज झा की रचनाएँ

सरस्वती वंदना जय सरस्वती जय शारदे, माँ भगवती, मुझे उबार दे । है घन घमण्ड से घिरा ज्ञान, माँ, कर दे मेरा परित्राण । कहते… Read More »मनोज झा की रचनाएँ

मनोज तिवारी की रचनाएँ

मेरे गाँव का स्कूल उदास है मेरे गाँव में नीम की फुनगी पर बैठ रोज़ ही निहारता है मेरे स्कूल को पीला चाँद ढहे –… Read More »मनोज तिवारी की रचनाएँ

मनोज जैन ‘मधुर’

देख रहा हूँ चाँद सरीखा मैं अपने को, घटते देख रहा हूँ। धीरे धीरे सौ हिस्सों में, बंटते देख रहा हूँ। तोड़ पुलों को बना… Read More »मनोज जैन ‘मधुर’

मनोज छाबड़ा की रचनाएँ

मुझे विश्वास है मुझे विश्वास है जिन लड़कियों ने मुझसे प्यार नहीं किया उन्हें अब थोड़ी-सी नाराज़गी ज़रूर होगी स्वयं से घटता जाता होगा प्रेम… Read More »मनोज छाबड़ा की रचनाएँ

मनोज चौहान की रचनाएँ

बड़े दाँतों वाली मशीन खड़ी है उपेक्षित अवस्था में वह बड़े दांतों वाली मशीन कुछ ही दूरी पर परियोजना स्थल से। न जाने कब पड़… Read More »मनोज चौहान की रचनाएँ

मनोज कुमार झा की रचनाएँ

कुछ न कुछ गल जाता है इस जीवन का खत किया पूरा अपूर्ण टुकड़े के नीचे अपना नाम रखकर अंत में लिख दिया जहां-जहां काट-कूट… Read More »मनोज कुमार झा की रचनाएँ