रामानुज त्रिपाठी की रचनाएँ
शब्द हो गए बहुत दुरूह कंचनमृग के लिए अहेरी यहां रच रहे सौ-सौ ब्यूह। उतर पड़ा परती खेतों में कोई मौसम अनजाना देख भूख का… Read More »रामानुज त्रिपाठी की रचनाएँ
शब्द हो गए बहुत दुरूह कंचनमृग के लिए अहेरी यहां रच रहे सौ-सौ ब्यूह। उतर पड़ा परती खेतों में कोई मौसम अनजाना देख भूख का… Read More »रामानुज त्रिपाठी की रचनाएँ
मन होता है पारा मन होता है पारा ऐसे देखा नहीं करो ! जाने क्या से क्या कर डाला उलट-पुलट मौसम कभी घाव ज़्यादा दुखता है… Read More »रामानंद ‘दोषी’ की रचनाएँ
चाहूँ या कि न चाहूँ चाहूँ या कि न चाहूँ बहना ही होगा, स्वर्ण तरी जब उतर गयी मझधार में! एक खीझ ने पतवारों को… Read More »रामस्वरूप ‘सिन्दूर’की रचनाएँ
उड़न खटोला उड़न खटोले पर बैठूँ मैं पंछी-सा बन जाऊँ, बिना पंख उड़ जाऊँ नभ में मन ही मन मुस्काऊँ। दूर गगन से धरती देखूँ… Read More »रामस्वरूप दुबे की रचनाएँ
खेल कबड्डी देशी खेल हमारा- खेल कबड्डी का सबसे सस्ता प्यारा खेल कबड्डी का। महँगा क्रिकेट-साथी टेनिस बल्ला है, समझ नहीं आता क्यों इतना हल्ला… Read More »रामसेवक शर्मा की रचनाएँ
अम्माँ, मुझे उड़ाओ अम्माँ, आज लगा दे झूला, इस झूले पर मैं झूलूँगा! इस पर चढ़कर ऊपर बढ़कर आसमान को मैं छू लूँगा! झूला झूल… Read More »रामसिंहासन सहाय ‘मधुर’की रचनाएँ
दोहा / भाग 1 श्री स्यामा कों करत हैं, राम सहाय प्रनाम। जिन अहिपतधर कों कियौ, सरस निरन्तर धाम।।1।। अरुन अयन संगीत तन, वृन्दावन हित… Read More »रामसहायदास ‘राम’की रचनाएँ
मुझको मेरी मुश्किलों का हल मुझको मेरी मुश्किलों का हल बता ऐ ज़िन्दगी! कैसा होगा आने वाला कल? बता ऐ ज़िन्दगी! मुझको ख़ुद्दारी ने मारा… Read More »रामश्याम ‘हसीन’की रचनाएँ
हम बच्चे आओ भीगें हर गंगे हम बच्चे! कुछ नंगे, कुछ अधनंगे हम बच्चे! शोर मचाते हँसते-गाते, बिना पंख के नभ छू आते। हमसे मत… Read More »रामशंकर चंचल की रचनाएँ
सुना आपने सुना आपने चाँद बहेलिया जाल रूपहला कँधे पर ले चाँवल की कनकी बिखेर कर बाट जोहता रहा व्यथित हो क्षितिज-शाख के बिल्कुल नीचे… Read More »रामविलास शर्मा-२ की रचनाएँ