विनोद भारद्वाज की रचनाएँ
रज़ा के रंग रंगों के जिस जादुई वक्तव्य की तुमबात करते होएक प्राचीन ऋषि की तरहसफ़ेद रंग में चन्द्रमा की पवित्रताऔर हीरे की चमक तुम… Read More »विनोद भारद्वाज की रचनाएँ
रज़ा के रंग रंगों के जिस जादुई वक्तव्य की तुमबात करते होएक प्राचीन ऋषि की तरहसफ़ेद रंग में चन्द्रमा की पवित्रताऔर हीरे की चमक तुम… Read More »विनोद भारद्वाज की रचनाएँ
कहां से चले थे, कहां जा रहे हो? क्यों? बहुत खुश नजर आ रहे हो स्वतंत्रता की वर्ष-गांठ मना रहे हो लेकिन- जरा ये भी… Read More »विनोद पाराशर की रचनाएँ
धूप घाटियों में रितु सुखाने लगी है मेघ धोए वस्त्र अनगिन रंग के आ गए दिन, धूप के सत्संग के पर्वतों पर छन्द फिर बिखरा… Read More »विनोद निगम की रचनाएँ
ईद मुबारक ऐसी है ईद कि नहीं जानता कहाँ चखूँगा सेवइयाँ कहूँगा किसे ईद मुबारक हलक़ में घुमड़ रहा है और जिनसे मुझे कहना है… Read More »विनोद दास की रचनाएँ
प्रवासी गीत चलो, घर चलें, लौट चलें अब उस धरती पर; जहाँ अभी तक बाट तक रही ज्योतिहीन गीले नयनों से (जिनमें हैं भविष्य के… Read More »विनोद तिवारी (हरदोई)की रचनाएँ
टूटती है सदी की ख़ामोशी टूटती है सदी की ख़ामोशी फिर कोई इंक़लाब आएगा मालियो! तुम लहू से सींचो तो बाग़ पर फिर शबाब आएगा… Read More »विनोद तिवारी की रचनाएँ
कोई अधूरा पूरा नहीं होता कोई अधूरा पूरा नहीं होता और एक नया शुरू होकर नया अधूरा छूट जाता शुरू से इतने सारे कि गिने… Read More »विनोद कुमार शुक्ल की रचनाएँ
डिस्पोजेबल एक गति जो लयबद्ध है, जिसमें ताल है,पृथ्वी की गति चांद की गति, वायुयान की गति इन गतियों के बीच एक ऐसी गति जो… Read More »विनीता परमार की रचनाएँ
कहाँ हो सुदर्शन चक्रधारी उन्होंने मासूमों की ज़िन्दगी बेकार कर डाला। उन निर्दोषों पर चाकुओं से वार कर डाला। गिरे इतना गिरे वह कि हम… Read More »विनय सिद्धार्थ
क्या नामवरों के शहर की यही गति होती है नवीन कुमार ! यहां अरूण कमल रहते हैं मेरे प्रिय कवि। खगेन्द्र ठाकुर हैं यहां ख्यात… Read More »विनय सौरभ की रचनाएँ