ऐश’ देलहवी की रचनाएँ
कुछ कम नहीं है शम्मा से दिल की कुछ कम नहीं है शम्मा से दिल की लगन में हम फ़ानूस में वो जलती है याँ… Read More »ऐश’ देलहवी की रचनाएँ
कुछ कम नहीं है शम्मा से दिल की कुछ कम नहीं है शम्मा से दिल की लगन में हम फ़ानूस में वो जलती है याँ… Read More »ऐश’ देलहवी की रचनाएँ
आज भड़की रग-ए-वहशत तिरे दीवानों की आज भड़की रग-ए-वहशत तिरे दीवानों की क़िस्मतें जागने वाली हैं बयाबानों की फिर घटाओं में है नक़्क़ारा-ए-वहशत की सदा… Read More »एहसान दानिश की रचनाएँ
ये दुनिया है यहां असली कहानी पुश्त पर रखना ये दुनिया है यहां असली कहानी पुश्त पर रखना लबों पर प्यास रखना और पानी पुश्त… Read More »एहतेशाम-उल-हक़ सिद्दीक़ी की रचनाएँ
बहाना ढूंढ ही लेता है, खूँ बहाने का बहाना ढूंढ ही लेता है खूँ बहाने का, है शौक कितना उसे सुर्ख़ियों में आने का। मिले… Read More »एहतराम इस्लाम की रचनाएँ
अक़्ल पहुँची जो रिवायात के काशाने तक अक़्ल पहुँची जो रिवायात के काशाने तक एक ही रस्म मिल काबा से बुत-ख़ाने तक वादी-ए-शब में उजालों… Read More »एहतिशाम हुसैन की रचनाएँ
कैफ़-ए-सुरूर-ओ-सोज़ के क़ाबिल नहीं रहा कैफ़-ए-सुरूर-ओ-सोज़ के क़ाबिल नहीं रहा ये और दिल है अब वो मिरा दिल नहीं रहा सीने मे मौजज़न नहीं तूफ़ान-ए-आरज़ू… Read More »एस.ए.मेहदी की रचनाएँ
मरहम तुम छूते हो दुखता है लगाते हो जब मरहम घाव पर मेरे मुझे तुम्हारी पहचान नहीं पर मेरे घावों को तुम्हारी उँगलियों की पहचान… Read More »एम० के० मधु की रचनाएँ
ये वही हैं समरसता की रामनामी ओढ़कर वे फिर आ गये हैं अब तुम्हें ही तय करना है कि ये मनुवादी समरसता कहाँ ले जाएगी… Read More »एन. सिंह की रचनाएँ
कौन है दलित कौन है दलित? हम में से हर कोई— कहाँ थे हम आज तक? कुचले जाते रहे हैं हम— दूसरे जमात के पाँव-तले… Read More »एन. मनोहर प्रसाद की रचनाएँ
तब तुम्हें कैसा लगेगा? यदि तुम्हें ज्ञान के आलोक से दूर अनपढ़-मूर्ख बनाकर रखा जाए, धन-सम्पति से कर दिया जाए- वंचित छीन लिए जाएँ अस्त्र-शस्त्र… Read More »एन. आर. सागर की रचनाएँ