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उषा राय की रचनाएँ

अरुणा शानबाग का कमरा क्या केवल एक पत्ता है अरुणा शानबाग का कमरा जो समय की हवा पाकर उड़ जाएगा या कि भूल जाएँगी दीवारें… Read More »उषा राय की रचनाएँ

उषारानी राव की रचनाएँ

देखा है मैंने श्वेत,शुभ्र बादलों का समूह अनेक आकृतियाँ बनाता है विलीन हो जाता है देखा है मैंने शिल्पी को जो अहंकार शिला की परत-दर… Read More »उषारानी राव की रचनाएँ

उषा यादव उषा की रचनाएँ

बदली-बदली-सी है सारी तस्वीर आज  बदली-बदली-सी है सारी तस्वीर आज ख़ुद ही तोड़ी है औरत ने ज़ंजीर आज दर्दे दिल में उठी ऐसी है पीर… Read More »उषा यादव उषा की रचनाएँ

उषा यादव की रचनाएँ

तू सो जा, मेरी लाडली तू सो जा, हां सो जा, मेरी लाडली, मेरे घर की बगिया की नन्ही कली! सपनों की दुनिया पुकारे तुझे,… Read More »उषा यादव की रचनाएँ

उल्लास मुखर्जी की रचनाएँ

भ्रष्ट समय में कविता जब ईमानदार को समझा जाता हो बेवकूफ़ समयनिष्ठ को डरपोक, कर्तव्यनिष्ठ को गदहा, तब कविता लिखना-पढ़ना-सुनना और सुनाना भी है बहुत… Read More »उल्लास मुखर्जी की रचनाएँ

उर्मिलेश की रचनाएँ

बेवजह दिल पे कोई  बेवजह दिल पे कोई बोझ न भारी रखिये ज़िन्दगी जंग है इस जंग को जारी रखिये अब कलम से न लिखा… Read More »उर्मिलेश की रचनाएँ

उर्मिला शुक्ल की रचनाएँ

बनानी है चिडिय़ा  नहीं अभी नहीं होगा अवसान अभी तो मुझे मांगना है आकाश से खुलापन और धरती से दृढ़ता पानी से तरलता और पवन… Read More »उर्मिला शुक्ल की रचनाएँ

समीर बरन नन्दी की रचनाएँ

पर्णकुटीर खो गए का चित्र औरडूब गए प्रेम का घाव आज भी घास पर लिखता रहता हूँ मेघ की खिड़की खोल कर — कभी-कभीवे दोनों… Read More »समीर बरन नन्दी की रचनाएँ

समीर परिमल की रचनाएँ

तमाम शै में वो अक्सर दिखाई देता है  तमाम शै में वो अक्सर दिखाई देता है बड़ा हसीन ये मंज़र दिखाई देता है ग़मों की… Read More »समीर परिमल की रचनाएँ