श्रीनाथ सिंह की रचनाएँ
सीखो फूलों से नित हँसना सीखो, भौंरों से नित गाना। तरु की झुकी डालियों से नित, सीखो शीश झुकाना! सीख हवा के झोकों से लो,… Read More »श्रीनाथ सिंह की रचनाएँ
सीखो फूलों से नित हँसना सीखो, भौंरों से नित गाना। तरु की झुकी डालियों से नित, सीखो शीश झुकाना! सीख हवा के झोकों से लो,… Read More »श्रीनाथ सिंह की रचनाएँ
आकाश का कायांतरण आकाश रोगी को दिखाता है तरह-तरह के चित्र कभी वो देखता है जहाज़ कभी रेफ़्रीजीरेटर, कभी कोई केंचुआ तो कभी सफ़ेद गाय… Read More »अनिल जनविजय की रचनाएँ
एक स्त्री घर से निकलते हुए भी नहीं निकलती एक स्त्री घर से निकलते हुए भी नहीं निकलती वह जब भी घर से निकलती है… Read More »श्रीप्रकाश शुक्ल की रचनाएँ
पोस्टमैन एक दिन हो जाएंगे हम दरवाज़े पर तुम्हारी दस्तक से महरूम । अनन्त में नहीं गूंजती होगी तुम्हारी पुकार खिड़की पर बैठ कोई नहीं… Read More »अनिल गंगल की रचनाएँ
तिब्बत देश आम भारतीय जुलूसों की तरह ही गुज़र रहा था उनका हुजूम भी ‘तिब्बत देश हमारा है’ के नारे लगाता हुआ हिंदी में वे… Read More »अनिल कुमार सिंह की रचनाएँ
वह भी तो इक बेटी ही है जेठ माह की, जैसे बदली, वह भी तो इक बेटी ही है। उँगली पकड़-पकड़ कर बढ़ना, चलना यहाँ… Read More »अनिल कुमार मिश्र की रचनाएँ
पलटनिया पिता-1 फौजी पिता अख़बारों में मिले हमने सीने फुलाए दिखती थी छब्बीस जनवरी को उनकी टुकड़ी दूरदर्शन पर राजपथ की धुन्ध में क़दमताल करती… Read More »अनिल कार्की की रचनाएँ
रोशनी बार-बार लौटा हूँ उस दर से जहॉँ मुझे नहीं जाना चाहिए था वहाँं कभी पहुँच नहीं पाया जहाँ मेरी सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी उन… Read More »अनिल करमेले की रचनाएँ
मानवीय पीड़ा का ज़िगुरत हमारे बहुत पहले उठने केबहुत पहले उठ जाती है,ताकि खलल न पड़ेहमारे आराम देह सपने रहेंसुरक्षित। आधी नींद व विच्छिन्न स्वप्नों… Read More »अनिल अनलहातु की रचनाएँ
सहरा उदास है न समन्दर उदास है सहरा उदास है न समन्दर उदास हैआँखों के सामने का ये मंज़र उदास है रोया तमाम रात किसी… Read More »अनिरुद्ध सिन्हा की रचनाएँ