मनोहर ‘साग़र’ पालमपुरी की रचनाएँ
फूल क्यों मुरझा रहा है आ गया मधुमास लेकिन फूल क्यों मुरझा रहा है शम्अ तो जलती है उसपर आज परवाने नहीं हैं प्यार में… Read More »मनोहर ‘साग़र’ पालमपुरी की रचनाएँ
फूल क्यों मुरझा रहा है आ गया मधुमास लेकिन फूल क्यों मुरझा रहा है शम्अ तो जलती है उसपर आज परवाने नहीं हैं प्यार में… Read More »मनोहर ‘साग़र’ पालमपुरी की रचनाएँ
सुनी सुनाई हुई दास्तान बाक़ी है सुनी सुनाई हुई दास्तान बाक़ी है नए नगर में पुराना मक़ान बाक़ी है ये बात सुनके किसी को यकीं… Read More »मनोहर विजय की रचनाएँ
कहाँ लड़ाई किसने खाई अरे मलाई? ‘तूने’ – ‘तूने’ ‘तूने’ – ‘तूने’ शुूरू लड़ाई तू-तू, मैं-मैं हाथापाई! अम्मा बोली- ‘काली बिल्ली तुमने पाली उसने खा… Read More »मनोहर वर्मा की रचनाएँ
दिल ज़्यादा भूकम्प से भू कम कँपी दिल गूंगा हर चौथे रोज़ ही ही दीखती थी दो तीन बरस के बच्चे के साथ डॉक्टर से… Read More »मनोहर बाथम की रचनाएँ
भूख न सही मेरी कविता में ज्वालाओं की लपट दहकते तंदूर में पकी रोटियों की भभक तो है —जो बढ़ा देती है भूख दुपहरी में… Read More »मनोहर अभय की रचनाएँ
जागो भैया शोर मचाती है गौरैया, हुआ सवेरा, जागो भैया! उठो-उठो अब आँखें खोलो, प्रातः कृत्य करो मुँह धो लो, गाती है सब प्रात चिरैया,… Read More »मनोरंजन एम.ए. की रचनाएँ
उम्मीद का आम्रतरु उम्मीद का आम्रतरु हर किसी की मन-मृत्तिका इतनी उपजाऊ है कि लहलहाई जा सकती है इस पर उम्मीद तरुओं की फसल उम्मीद… Read More »मनोज मोक्षेन्द्र की रचनाएँ
अपने गुरु नीरव-नीरव हैं अपने गुरु नीरव-नीरव हैं, करते निज कर्म बखान नहीं। अनमोल करें उपदेश हमें, बस कर्म करो अभिमान नहीं। हम पास गये… Read More »मनोज मानव की रचनाएँ
आपकी याद चली आई थी कल शाम के बाद आपकी याद चली आई थी कल शाम के बाद । और फिर हो गई एक ताज़ा… Read More »मनोज मनु की रचनाएँ
बाबर तुमने अपने बेटे से अपने लिए उसकी जवानी नहीं मांगी न ही उसे चौदह क्या, दो दिन के लिए भी दिया वनवास कि निभ… Read More »मनोज पाण्डेय की रचनाएँ