भागवतशरण झा ‘अनिमेष’ की रचनाएँ
दाग़ चेहरे पर चेचक के दाग़ भले ही नहीं लगते हैं अच्छे मगर वे संत की तरह मन की व्यथा कहते हैं दाग़ हमेशा सामनेवालों… Read More »भागवतशरण झा ‘अनिमेष’ की रचनाएँ
दाग़ चेहरे पर चेचक के दाग़ भले ही नहीं लगते हैं अच्छे मगर वे संत की तरह मन की व्यथा कहते हैं दाग़ हमेशा सामनेवालों… Read More »भागवतशरण झा ‘अनिमेष’ की रचनाएँ
बहुत बरदाश्त कर ली है मियां ये दुनियादारी क्या बहुत बरदाश्त कर ली है मियां ये दुनियादारी क्या जुनूं दिल में कफ़न सर पर सफ़र… Read More »भवेश दिलशाद की रचनाएँ
चलो गीत गाओ, चलो गीत गाओ चलो गीत गाओ, चलो गीत गाओ। कि गा – गा के दुनिया को सर पर उठाओ। अभागों की टोली… Read More »भवानीप्रसाद मिश्र की रचनाएँ
आधा है चंद्रमा, रात आधी आधा है चंद्रमा रात आधी रह न जाए तेरी मेरी बात आधी, मुलाक़ात आधी आधा है चंद्रमा… आस कब तक… Read More »भरत व्यास की रचनाएँ
मेरी मातृभूमि ओ मेरी विशाल और महान मातृभूमि मैं आज तुम्हारी ममतामयी धूल और मिट्टी को साष्टांग प्रणाम करता हूँ। सदा हरी-भरी तुम्हारी गोद प्रसन्न… Read More »भरत प्रसाद की रचनाएँ
सारे रंगों वाली लड़की-1 सारे रंगों वाली लड़की कहाँ हो? आम के पेड़ में अभी–अभी जागी कोयल धानी से रंग के बौर सब दिख रहे… Read More »भरत तिवारी की रचनाएँ
हम फ़ौलाद के गीत गाएँगे विनायक सेन के प्रति हम फ़ौलाद के गीत गाएँगे दुनिया फ़ौलाद की बनी है और हम फ़ौलाद की संतानें हैं… Read More »भगवान स्वरूप कटियार की रचनाएँ
लखी जिन लाल की मुसक्यान लखी जिन लाल की मुसक्यान। तिनहिं बिसरी बेद-बिधि जप जोग संयम ध्यान॥ नेम ब्रत आचार पूजा पाठ गीता ग्यान। ‘रसिक… Read More »भगवत् रसिक की रचनाएँ
निंदिया आ री निंदिया, तू है कितनी प्यारी, बिटिया की अंखियों में आ री! आ जा फुदक-फुदक चिड़िया-सी रुनझुन-गुनगुन गाती, आंगन में उतरी चंदनिया ठुमक-ठुमक… Read More »भगवतीप्रसाद द्विवेदी की रचनाएँ
स्मृतिकण क्या जाग रही होगी तुम भी? निष्ठुर-सी आधी रात प्रिये! अपना यह व्यापक अंधकार, मेरे सूने-से मानस में, बरबस भर देतीं बार-बार; मेरी पीडाएँ… Read More »भगवतीचरण वर्मा की रचनाएँ