ऋतुराज की रचनाएँ
कभी इतनी धनवान मत बनना कभी इतनी धनवान मत बनना कि लूट ली जाओ सस्ते स्कर्ट की प्रकट भव्यता के कारण हांग्जो की गुड़िया के… Read More »ऋतुराज की रचनाएँ
कभी इतनी धनवान मत बनना कभी इतनी धनवान मत बनना कि लूट ली जाओ सस्ते स्कर्ट की प्रकट भव्यता के कारण हांग्जो की गुड़िया के… Read More »ऋतुराज की रचनाएँ
शिशु दोहावली (१) जीव अनेकों में रमे, यद्यपि हो तुम एक, नाथ! तुम्हे कितने कहे, एक कहें कि अनेक (२) रे जग- पथ के पथिक!… Read More »शिशु पाल सिंह ‘शिशु’की रचनाएँ
शब्द नहीं कह पाते कोई बिम्ब,कोई प्रतीक ,कोई उपमान नहीं समझ पाते ये भाव अनाम जैसे पूर्ण विराम के बाद शून्य-शून्य-शून्य और पाठक रुक कर… Read More »ऋतु पल्लवी की रचनाएँ
मैं अपने हर जन्म में “मैं अपने हर जन्म में स्त्री ही होना चाहूँगी”। मैंने एक दिन अपनी प्रार्थना ईश्वर के कानो में फुसफुसायी। ईश्वर… Read More »ऋतु त्यागी की रचनाएँ
उदासीनीकरण नही हो सकता कोई शत प्रतिशत अच्छा या बुरा बिलकुल ही … मौजूद होती है मनुष्य में अच्छाइयाँ और बुराइयाँ अम्ल और क्षार की… Read More »ऋचा दीपक कर्पे की रचनाएँ
अरुणा शानबाग का कमरा क्या केवल एक पत्ता है अरुणा शानबाग का कमरा जो समय की हवा पाकर उड़ जाएगा या कि भूल जाएँगी दीवारें… Read More »उषा राय की रचनाएँ
देखा है मैंने श्वेत,शुभ्र बादलों का समूह अनेक आकृतियाँ बनाता है विलीन हो जाता है देखा है मैंने शिल्पी को जो अहंकार शिला की परत-दर… Read More »उषारानी राव की रचनाएँ
एक परी आए एक परी आए, गरमी को दूर भगाए! परी हमारी दोस्त बन जाए साथ हमारे खेले, साथ हमारे गाए! एक परी आए, दुनिया… Read More »शिवांक की रचनाएँ
बदली-बदली-सी है सारी तस्वीर आज बदली-बदली-सी है सारी तस्वीर आज ख़ुद ही तोड़ी है औरत ने ज़ंजीर आज दर्दे दिल में उठी ऐसी है पीर… Read More »उषा यादव उषा की रचनाएँ
तू सो जा, मेरी लाडली तू सो जा, हां सो जा, मेरी लाडली, मेरे घर की बगिया की नन्ही कली! सपनों की दुनिया पुकारे तुझे,… Read More »उषा यादव की रचनाएँ