उल्लास मुखर्जी की रचनाएँ
भ्रष्ट समय में कविता जब ईमानदार को समझा जाता हो बेवकूफ़ समयनिष्ठ को डरपोक, कर्तव्यनिष्ठ को गदहा, तब कविता लिखना-पढ़ना-सुनना और सुनाना भी है बहुत… Read More »उल्लास मुखर्जी की रचनाएँ
भ्रष्ट समय में कविता जब ईमानदार को समझा जाता हो बेवकूफ़ समयनिष्ठ को डरपोक, कर्तव्यनिष्ठ को गदहा, तब कविता लिखना-पढ़ना-सुनना और सुनाना भी है बहुत… Read More »उल्लास मुखर्जी की रचनाएँ
बेवजह दिल पे कोई बेवजह दिल पे कोई बोझ न भारी रखिये ज़िन्दगी जंग है इस जंग को जारी रखिये अब कलम से न लिखा… Read More »उर्मिलेश की रचनाएँ
ईश्वर का दास आदमी ने पत्थ रों को काटकर चेहरे गढ़े पत्थ रों को समर्पित हुआ लड़ाइयाँ लड़ीं और समर्पण के बाद की प्रेरणाएँ लीं… Read More »शिवशंकर मिश्र की रचनाएँ
बनानी है चिडिय़ा नहीं अभी नहीं होगा अवसान अभी तो मुझे मांगना है आकाश से खुलापन और धरती से दृढ़ता पानी से तरलता और पवन… Read More »उर्मिला शुक्ल की रचनाएँ
पर्णकुटीर खो गए का चित्र औरडूब गए प्रेम का घाव आज भी घास पर लिखता रहता हूँ मेघ की खिड़की खोल कर — कभी-कभीवे दोनों… Read More »समीर बरन नन्दी की रचनाएँ
तमाम शै में वो अक्सर दिखाई देता है तमाम शै में वो अक्सर दिखाई देता है बड़ा हसीन ये मंज़र दिखाई देता है ग़मों की… Read More »समीर परिमल की रचनाएँ
हम वीर बने हम वीर बनें, सरदार बनें, हम साहस के अवतार बनें। तैरें निज उठी उमंगो पर, सागर की तीव्र तरंगों पर। अपने दम… Read More »भामोहन अवधिया ‘स्वर्ण सहोदर’ की रचनाएँ
आँधी चली तो गर्द से हर चीज़ उड़ गई आँधी चली तो गर्द से हर चीज़ उड़ गई दीवार से लगी तिरी तस्वीर फट गई… Read More »सब्त अली सबा की रचनाएँ
आज फिर उनका सामना होगा आज फिर उनका सामना होगा क्या पता उसके बाद क्या होगा । आसमान रो रहा है दो दिन से आपने… Read More »सबा सीकरी की रचनाएँ
तालिबे-दीद पर आँच आये यह मंज़ूर नहीं तालिबे-दीद पर आँच आए यह मंज़ूर नहीं। दिल में है वरना वो बिजली जो सरे-तूर नहीं॥ दिल से… Read More »सफ़ी लखनवी की रचनाएँ