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Poetry

अजमल सुल्तानपुरी की रचनाएँ

मैं तेरा शाहजहाँ तू मेरी मुमताज महल मैं तेरा शाहजहाँ तू मेरी मुमताज महल आ तुझे प्यार की अनमोल निशानी दे दूँ हाय ये नाज़… Read More »अजमल सुल्तानपुरी की रचनाएँ

शकुन्त माथुर की रचनाएँ

दोपहरी  गरमी की दोपहरी में तपे हुए नभ के नीचे काली सड़कें तारकोल की अँगारे-सी जली पड़ी थीं छाँह जली थी पेड़ों की भी पत्ते… Read More »शकुन्त माथुर की रचनाएँ

शकुंतला सिरोठिया की रचनाएँ

जा, सपनों से खेलना निंदिया की गोदी में सो जा मेरे लालना! सूरज भी सो गया पेड़ सभी सो गए, पत्तों की गोदी में, फूल… Read More »शकुंतला सिरोठिया की रचनाएँ

शकुंतला कालरा की रचनाएँ

सो जा कान्हा श्याम सलोना सो जा कान्हा, श्याम सलोना।कोमल-कोमल लोना-लोना,नटखट, चंचल ज्यों मृगछौना।सो जा कान्हा, श्याम सलोना।चंदन पलना नरम बिछौना,चमके जैसे चांदी-सोना।सो जा कान्हा,… Read More »शकुंतला कालरा की रचनाएँ

शकीला बानो की रचनाएँ

दस्त-ए-क़ातिल में ये शमशीर कहाँ से आई दस्त-ए-क़ातिल में ये शमशीर कहाँ से आई नाज़ करती मिरी तक़दीर कहाँ से आई चाँदनी सीने में उतरी… Read More »शकीला बानो की रचनाएँ

अजन्ता देव की रचनाएँ

मेरा मिथ्यालय  आमंत्रण निमन्त्रण नहीं अनायास खींच लेता है अपनी ओर मेरा मिथ्यालय श्रेष्ठ जनों के बीच यहीं रचा जाता है कलाओं का महारास मेरे… Read More »अजन्ता देव की रचनाएँ

अछूतानन्दजी ‘हरिहर’ की रचनाएँ

आल्हा पहले सुमरों सतगुर स्वामी, दीन्हा लौकिक आतम ज्ञान, ब्रह्म रूप चेतन घट-घट में, व्यापक सकल सृष्टि दरम्यान। सो ही आदि शक्ति सत्ता में, होय… Read More »अछूतानन्दजी ‘हरिहर’ की रचनाएँ

अच्युतानंद मिश्र की रचनाएँ

शहर में एक बस्ती थी शहर में एक बस्ती थी जहाँ लोगों ने ठंडी आग जलाई थी मशाल को शाल की तरह ओढ़ रखा था… Read More »अच्युतानंद मिश्र की रचनाएँ

शकील बदायूँनी की रचनाएँ

सुब्ह का अफ़साना कहकर शाम से सुब्ह का अफ़साना कहकर शाम से खेलता हूं गर्दिशे-आय्याम[1]से उनकी याद उनकी तमन्ना, उनका ग़म कट रही है ज़िन्दगी… Read More »शकील बदायूँनी की रचनाएँ

अचल वाजपेयी की रचनाएँ

दुख  उसे जब पहली बार देखा लगा जैसे भोर की धूप का गुनगुना टुकड़ा कमरे में प्रवेश कर गया है अंधेरे बंद कमरे का कोना-कोना… Read More »अचल वाजपेयी की रचनाएँ