जयकृष्ण राय तुषार की रचनाएँ
आम कुतरते हुए सुए से आम कुतरते हुए सुए से मैना कहे मुण्डेर की । अबकी होली में ले आना भुजिया बीकानेर की । गोकुल,… Read More »जयकृष्ण राय तुषार की रचनाएँ
आम कुतरते हुए सुए से आम कुतरते हुए सुए से मैना कहे मुण्डेर की । अबकी होली में ले आना भुजिया बीकानेर की । गोकुल,… Read More »जयकृष्ण राय तुषार की रचनाएँ
ग़ालिब जब भी तुझको पढ़ता हूँ लफ़्ज़-लफ़्ज़ से गोया आसमाँ खिला देखूँ एक-एक मिसरे में कायनात का साया फैलता हुआ देखूँ! ग़ालिब की मज़ार… Read More »जयंत परमार की रचनाएँ
नजात दुखते हुए सीनों की ख़ुशबू के हाथों में उन जलते ख़्वाबों के लहराते कोड़े हैं जिन्हें वो इक गहनाए चाँद की नंगी कमर पे… Read More »जमीलुर्रहमान की रचनाएँ
तोल अपने को तोल देख के कर्रोफ़र दौलत की तेरा जी ललचाय सूँघ के मुश्की ज़ुल्फ़ों की बू नींद-सी तुझ को आए जैसे बे-लंगर की… Read More »जमील मज़हरी की रचनाएँ
गुरेज़-पा है नया रास्ता किधर जाएँ गुरेज़-पा है नया रास्ता किधर जाएँ चलो कि लौट के हम अपने अपने घर जाएँ न मौज-ए-तुंद है कुछ… Read More »जमाल ओवैसी की रचनाएँ
बिखर गया है जो मोती पिरोने वाला था बिखर गया है जो मोती पिरोने वाला था वो हो रहा है यहाँ जो न होने वाला… Read More »जमाल एहसानी की रचनाएँ
‘. . . जीत जाओगे एक दिन !!’ अगर तुम बारीकियों को पकड़ रहे हो तो सीख जाओगे एक दिन !! हौसले से मंजिल पर बढ़… Read More »जंगवीर सिंह ‘राकेश’की रचनाएँ
आँखें पलकें गाल भिगोना ठीक नहीं आँखें पलकें गाल भिगोना ठीक नहीं छोटी-मोटी बात पे रोना ठीक नहीं गुमसुम तन्हा क्यों बैठे हो सब पूछें… Read More »जतिन्दर परवाज़ की रचनाएँ
उगता राष्ट्र मेरे किशोर, मेरे कुमार! अग्निस्फुलिंग, विद्युत् के कण, तुम तेज पुंज, तुम निर्विषाद, तुम ज्वालागिरि के प्रखर स्रोत, तुम चकाचौंध, तुम वज्रनाद, तुम… Read More »जगन्नाथप्रसाद ‘मिलिंद’की रचनाएँ
गोकुल की गैल, गैल गैल ग्वालिन की गोकुल की गैल, गैल गैल ग्वालिन की, गोरस कैं काज लाज-बस कै बहाइबो। कहै ‘रतनाकर’ रिझाइबो नवेलिनि को,… Read More »जगन्नाथदास ‘रत्नाकर’की रचनाएँ