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Poetry

मनोज कुमार झा की रचनाएँ

कुछ न कुछ गल जाता है इस जीवन का खत किया पूरा अपूर्ण टुकड़े के नीचे अपना नाम रखकर अंत में लिख दिया जहां-जहां काट-कूट… Read More »मनोज कुमार झा की रचनाएँ

मनोज अहसास की रचनाएँ

कभी चंदा, कभी सूरज, कभी तारे संभालें हैं कभी चंदा, कभी सूरज, कभी तारे संभाले हैं सुखनवर के मुकद्दर में मगर पैरों के छाले हैं… Read More »मनोज अहसास की रचनाएँ

मनुज देपावत की रचनाएँ

धोरां आळा देस जाग धोरां आळा देस जाग रे, ऊंठां आळा देस जाग। छाती पर पैणा पड़्या नाग रे, धोरां आळा देस जाग ।। धोरां… Read More »मनुज देपावत की रचनाएँ

मनु भारद्वाज की रचनाएँ

दिल चीख पड़ा दिल में मेरे आग लगा दी दिल चीख पड़ा दिल में मेरे आग लगा दी ये किसने मेरे दर्द को आवाज़ लगा… Read More »मनु भारद्वाज की रचनाएँ

मनु ‘बे-तख़ल्लुस’ की रचनाएँ

तेरी जिद से परीशां है तेरा ही आशना कोई, तेरी जिद से परीशां है तेरा ही आशना कोई हो मुश्किल बहर से लाचार जैसे काफिया… Read More »मनु ‘बे-तख़ल्लुस’ की रचनाएँ

मणिभूषण सिंह की रचनाएँ

कैसे कवि हो? धरा छोड़ उड़ते हो! कैसे कवि हो? अपनी उपत्यक्ता पर क्षण भर भी ठहर नहीं पाते हो! क्या लाते हो? क्यों गहन… Read More »मणिभूषण सिंह की रचनाएँ

मनीषा शुक्ला की रचनाएँ

याद रखना अब हमारी याद में रोना मना है याद रखना! हम तुम्हें उपलब्ध थे, तब तक सरल थे, जान लो प्रश्न अनगिन थे तुम्हारे,… Read More »मनीषा शुक्ला की रचनाएँ

मनीषा पांडेय की रचनाएँ

  तुम्‍हारा होना तुम्‍हारा होना मेरी ज़िंदगी में ऐसे है, जैसे झील के पानी पर ढेरों कमल खिले हों, जैसे बर्फ़बारी के बाद की पहली… Read More »मनीषा पांडेय की रचनाएँ

मनीषा जैन की रचनाएँ

भेद रहा है चक्रव्यूह रोज वह ढ़ोता रहा दिनभर पीठ पर तारों के बड़ल जैसे कोल्हू का बैल होती रही छमाछम बारिश दिन भर टपकता… Read More »मनीषा जैन की रचनाएँ

मनीषा कुलश्रेष्ठ की रचनाएँ

सादा दिल औरत के जटिल सपने लोग कहते थे वह एक सादा दिल भावुक औरत थी मिजाज – लहजे ढब और चाल से रफ्तार ओ… Read More »मनीषा कुलश्रेष्ठ की रचनाएँ