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आधुनिक काल

बहज़ाद लखनवी की रचनाएँ

ऐ जज़्ब-ए-दिल गर मैं चाहूँ ऐ जज़्ब-ए-दिल गर मैं चाहूँ हर चीज़ मुक़ाबिल आ जाए मंज़िल के लिए दो गाम चलूँ और सामने मंज़िल आ… Read More »बहज़ाद लखनवी की रचनाएँ

बसन्तजीत सिंह हरचंद की रचनाएँ

लोहा मैं किसी जयप्रकाश से न मिला, किसी विनोबा के आश्रम में वसन्त बनकर न खिला किसी भी गांधी की लाठी न हुआ, मुझे किसी… Read More »बसन्तजीत सिंह हरचंद की रचनाएँ

बसंत देशमुख की रचनाएँ

आँखों में ख़ुशनुमा कई मंज़र लिए हुए आँखों में ख़ुशनुमा कई मंज़र लिए हुए कैसे हैं लोग गाँव से शहर गए हुए सीने में लिए… Read More »बसंत देशमुख की रचनाएँ

बसंत त्रिपाठी की रचनाएँ

मैं बनारस कभी नहीं गया हिन्दी का ठेठ कवि अपने जनेऊ या जनेऊनुमा सँस्कार पर हाथ फेरता हुआ चौंकता है मेरी स्वीकारोक्ति पर अय्..बनारस नहीं… Read More »बसंत त्रिपाठी की रचनाएँ

बशीर बद्र की रचनाएँ

अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जायेगाद अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जायेगा मगर तुम्हारी तरह कौन मुझे चाहेगा तुम्हें ज़रूर कोई चाहतों से… Read More »बशीर बद्र की रचनाएँ

बशीर फ़ारूक़ी की रचनाएँ

अब के जुनूँ में लज़्ज़त-ए-आज़ार भी नहीं अब के जुनूँ में लज़्ज़त-ए-आज़ार भी नहीं ज़ख़्म-ए-जिगर में सुर्ख़ी-ए-रूख़सार भी नहीं हम तेरे पास आ के परेशान… Read More »बशीर फ़ारूक़ी की रचनाएँ

बशर नवाज़ की रचनाएँ

अज़ल ता अबद उफ़ुक़-ता-उफ़ुक़ ये धुँदलके का आलम ये हद-ए-नज़र तक नम-आलूद सी रेत का नर्म क़ालीं कि जिस पर समुंदर की चंचल जवाँ बेटियों… Read More »बशर नवाज़ की रचनाएँ

बल्ली सिंह चीमा ‘की रचनाएँ

हिलाओ पूँछ तो करता है प्यार अमरीका हिलाओ पूँछ तो करता है प्यार अमरीका । झुकाओ सिर को तो देगा उधार अमरीका । बड़ी हसीन… Read More »बल्ली सिंह चीमा ‘की रचनाएँ

बलराम ‘गुमाश्ता’की रचनाएँ

एक झील का टुकड़ा बिना वजह यूँ ही लड़ बैठे लटका बैठे मुखड़ा, दुख में कविता लिखने बैठे- एक झील का टुकड़ा। झील का टुकड़ा… Read More »बलराम ‘गुमाश्ता’की रचनाएँ

बलबीर सिंह ‘रंग’की रचनाएँ

ज़माना आ गया ‎ ज़माना आ गया रुसवाइयों तक तुम नहीं आए । जवानी आ गई तनहाइयों तक तुम नहीं आए ।। धरा पर थम… Read More »बलबीर सिंह ‘रंग’की रचनाएँ