शाकिर खलीक की रचनाएँ
कब शौक़ मिरा जज़्बे से बाहर न हुआ था कब शौक़ मिरा जज़्बे से बाहर न हुआ था था कौन सा क़तरा जो समुंदर न… Read More »शाकिर खलीक की रचनाएँ
कब शौक़ मिरा जज़्बे से बाहर न हुआ था कब शौक़ मिरा जज़्बे से बाहर न हुआ था था कौन सा क़तरा जो समुंदर न… Read More »शाकिर खलीक की रचनाएँ
बस वही लम्हा आँख देखे बस वही लम्हा आँख देखेगीजिस पे लिखा हुआ हो नाम अपना ऐसा सदियों से होता आया हैलोग करते रहेंगे… Read More »शाइस्ता यूसुफ़ की रचनाएँ
ओस भरी दूब पर टहनी को चिन्ता है जड़ की जड़ को फूलों की इसी तरह से गुज़र-बसर चलता है मौसम में आएगी चिड़िया पहले… Read More »शांति सुमन की रचनाएँ
कद्दू की बारात कद्दू जी की चली बरात, हुई बताशों की बरसात! बैंगन की गाड़ी के ऊपर बैठे कद्दू राजा शलजम और प्याज ने मिलकर… Read More »शांति अग्रवाल की रचनाएँ
बीनाओं को पलकों से हटाने की पड़ी है बीनाओं को पलकों से हटाने की पड़ी है शहकार पे जो गर्द ज़माने की पड़ी है आसाँ… Read More »शहाब सफ़दर की रचनाएँ
इनायत है तिरी बस एक एहसान और इतना कर इनायत है तिरी बस एक एहसान और इतना कर मिरे इस दर्द की मीआद में भी… Read More »शहराम सर्मदी की रचनाएँ
क़िस्सा मिरे जुनूँ का बहुत याद आएगा क़िस्सा मिरे जुनूँ का बहुत याद आएगा जब-जब कोई चिराग हवा में जलाएगा रातों को जागते हैं,इसी वास्ते… Read More »शहरयार की रचनाएँ
ऐसौ बारौ बार याहि बाहरौ न जान दीजै ऐसौ बारौ बार याहि बाहरौ न जान दीजै, बार गए बौरी तुम बनिता सँगन की । ब्रज… Read More »आलम की रचनाएँ
रंग-बिरंगे ख़्वाबों के असबाब कहाँ रखते हैं हम रंग-बिरंगे ख़्वाबों के असबाब कहाँ रखते हैं हम अपनी आँखों में कोई महताब कहाँ रखते हैं हम… Read More »आलम खुर्शीद की रचनाएँ
ख़ाब में वो घुमाते रहे ख़ाब में वो घुमाते रहे हम न फूले समाते रहे ढेरों चेहरे बदल करके वो सब्र को आजमाते रहे पत्थरों… Read More »आर्य हरीश कोशलपुरी की रचनाएँ