मनोज झा की रचनाएँ
सरस्वती वंदना जय सरस्वती जय शारदे, माँ भगवती, मुझे उबार दे । है घन घमण्ड से घिरा ज्ञान, माँ, कर दे मेरा परित्राण । कहते… Read More »मनोज झा की रचनाएँ
सरस्वती वंदना जय सरस्वती जय शारदे, माँ भगवती, मुझे उबार दे । है घन घमण्ड से घिरा ज्ञान, माँ, कर दे मेरा परित्राण । कहते… Read More »मनोज झा की रचनाएँ
मेरे गाँव का स्कूल उदास है मेरे गाँव में नीम की फुनगी पर बैठ रोज़ ही निहारता है मेरे स्कूल को पीला चाँद ढहे –… Read More »मनोज तिवारी की रचनाएँ
देख रहा हूँ चाँद सरीखा मैं अपने को, घटते देख रहा हूँ। धीरे धीरे सौ हिस्सों में, बंटते देख रहा हूँ। तोड़ पुलों को बना… Read More »मनोज जैन ‘मधुर’
मुझे विश्वास है मुझे विश्वास है जिन लड़कियों ने मुझसे प्यार नहीं किया उन्हें अब थोड़ी-सी नाराज़गी ज़रूर होगी स्वयं से घटता जाता होगा प्रेम… Read More »मनोज छाबड़ा की रचनाएँ
बड़े दाँतों वाली मशीन खड़ी है उपेक्षित अवस्था में वह बड़े दांतों वाली मशीन कुछ ही दूरी पर परियोजना स्थल से। न जाने कब पड़… Read More »मनोज चौहान की रचनाएँ
कुछ न कुछ गल जाता है इस जीवन का खत किया पूरा अपूर्ण टुकड़े के नीचे अपना नाम रखकर अंत में लिख दिया जहां-जहां काट-कूट… Read More »मनोज कुमार झा की रचनाएँ
कभी चंदा, कभी सूरज, कभी तारे संभालें हैं कभी चंदा, कभी सूरज, कभी तारे संभाले हैं सुखनवर के मुकद्दर में मगर पैरों के छाले हैं… Read More »मनोज अहसास की रचनाएँ
धोरां आळा देस जाग धोरां आळा देस जाग रे, ऊंठां आळा देस जाग। छाती पर पैणा पड़्या नाग रे, धोरां आळा देस जाग ।। धोरां… Read More »मनुज देपावत की रचनाएँ
दिल चीख पड़ा दिल में मेरे आग लगा दी दिल चीख पड़ा दिल में मेरे आग लगा दी ये किसने मेरे दर्द को आवाज़ लगा… Read More »मनु भारद्वाज की रचनाएँ
तेरी जिद से परीशां है तेरा ही आशना कोई, तेरी जिद से परीशां है तेरा ही आशना कोई हो मुश्किल बहर से लाचार जैसे काफिया… Read More »मनु ‘बे-तख़ल्लुस’ की रचनाएँ