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आधुनिक काल

रामसिंहासन सहाय ‘मधुर’की रचनाएँ

अम्माँ, मुझे उड़ाओ अम्माँ, आज लगा दे झूला, इस झूले पर मैं झूलूँगा! इस पर चढ़कर ऊपर बढ़कर आसमान को मैं छू लूँगा! झूला झूल… Read More »रामसिंहासन सहाय ‘मधुर’की रचनाएँ

रामसहायदास ‘राम’की रचनाएँ

दोहा / भाग 1 श्री स्यामा कों करत हैं, राम सहाय प्रनाम। जिन अहिपतधर कों कियौ, सरस निरन्तर धाम।।1।। अरुन अयन संगीत तन, वृन्दावन हित… Read More »रामसहायदास ‘राम’की रचनाएँ

रामश्याम ‘हसीन’की रचनाएँ

मुझको मेरी मुश्किलों का हल मुझको मेरी मुश्किलों का हल बता ऐ ज़िन्दगी! कैसा होगा आने वाला कल? बता ऐ ज़िन्दगी! मुझको ख़ुद्दारी ने मारा… Read More »रामश्याम ‘हसीन’की रचनाएँ

रामशंकर चंचल की रचनाएँ

हम बच्चे आओ भीगें हर गंगे हम बच्चे! कुछ नंगे, कुछ अधनंगे हम बच्चे! शोर मचाते हँसते-गाते, बिना पंख के नभ छू आते। हमसे मत… Read More »रामशंकर चंचल की रचनाएँ

रामविलास शर्मा-२ की रचनाएँ

सुना आपने सुना आपने चाँद बहेलिया जाल रूपहला कँधे पर ले चाँवल की कनकी बिखेर कर बाट जोहता रहा व्यथित हो क्षितिज-शाख के बिल्कुल नीचे… Read More »रामविलास शर्मा-२ की रचनाएँ

रामवचन सिंह ‘आनंद’ की रचनाएँ

पास हुए हम हुर्रे-हुर्रे पास हुए हम, हुर्रे-हुर्रे! दूर हुए गम, हुर्रे-हुर्रे! रोज नियम से, किया परिश्रम और खपाया भेजा। धीरे-धीरे, थोड़ा-थोड़ा हर दिन ज्ञान… Read More »रामवचन सिंह ‘आनंद’ की रचनाएँ

रामलखन पाल की रचनाएँ

ज़िन्दगी अपमान की भरी सभा में, एक सवर्ण ने दूसरे सवर्ण से क्रोध में आकर गाली देते हुए कहा— ‘चमार कहीं का’ दूसरे सवर्ण ने… Read More »रामलखन पाल की रचनाएँ

रामराजश्वरी देवी ‘नलिनी’ की रचनाएँ

साध मिटाने दो! साध मिटाने दो! आँसू की तरल तरंगों में आहों के कण बह जाने दो। उस क्षुब्ध अश्रु की धारा में उच्छ्वास-तरणि लहराने… Read More »रामराजश्वरी देवी ‘नलिनी’ की रचनाएँ

रामभरत पासी की रचनाएँ

समय रहते समय रहते दबा दो मिट्टी में गहरे उन सड़ी-गली परम्पराओं को बदबू फैलाने से पहले किसी लाश की तरह क्योंकि फिर नहीं झुठला… Read More »रामभरत पासी की रचनाएँ

रामप्रसाद शर्मा “महर्षि”की रचनाएँ

उनका तो ये मज़ाक रहा हर किसी के साथ उनका तो ये मज़ाक रहा हर किसी के साथ खेले नहीं वो सिर्फ़ मिरी ज़िंदगी के… Read More »रामप्रसाद शर्मा “महर्षि”की रचनाएँ