हरि मृदुल की रचनाएँ
सूरज लगे आग का गोला सूरज लगे आग का गोला चंदा लगे कटोरी, सूरज किरनें पीला सोना लगे चाँदनी गोरी। बड़ा अनोखा इंद्रधनुष है सतरंगा… Read More »हरि मृदुल की रचनाएँ
सूरज लगे आग का गोला सूरज लगे आग का गोला चंदा लगे कटोरी, सूरज किरनें पीला सोना लगे चाँदनी गोरी। बड़ा अनोखा इंद्रधनुष है सतरंगा… Read More »हरि मृदुल की रचनाएँ
हंस कहाँ मिलिहैं अब तो बर हंस कहाँ मिलिहैं अब तो बर भक्ति के भाव वे पूरब वारे । तीरथ मे छहरात न शांति सदाँ… Read More »हंस की रचनाएँ
परतों का अन्तर्विरोध नदी जो ऊपर से एक दिखती है, कई परतों से बनी है। नदी, जो ऊपर-ऊपर जोरों से बहती है नीचे जाकर हो… Read More »हीरालाल की रचनाएँ
राजस्थानी कविता संग्रह बाथां में भूगोल रेत रै समंदर रौ पांणी खाथौ चाल रे खाथौ चाल रे कमतरिया देखलै सींवपाछौ धिरयौ हैरंभावतौ रेवड़उठतै रेतड़ सूंकंवळाइजै… Read More »हरीश भादानी की रचनाएँ
हंगामा है क्यूँ बरपा हंगामा है क्यूँ बरपा, थोड़ी सी जो पी ली है डाका तो नहीं डाला, चोरी तो नहीं की है ना-तजुर्बाकारी से,… Read More »अकबर इलाहाबादी की रचनाएँ
कविता संग्रह नेपथ्य में अंधेरा कविता-संग्रह नेपथ्य में अंधेरा मंच पर रोशनीनेपथ्य में अंधेरासारतत्त्वयही मेरा। दर्शकों की भीड़ मेंतालियों की गूँज मेंखोया है कहींसपनों का… Read More »हरानन्द की रचनाएँ
कलजुगी दोहे केवल परनिंदा सुने, नहीं सुने गुणगान। दीवारों के पास हैं, जाने कैसे कान ।। सूफी संत चले गए, सब जंगल की ओर। मंदिर… Read More »अंसार कम्बरी की रचनाएँ
आँखों में वो ख़्वाब नहीं बसते, पहला सा वो होल नही होता आँखों में वो ख़्वाब नहीं बसते, पहला सा वो होल नही होता अब… Read More »हिलाल फ़रीद की रचनाएँ
फुहारे आसमान से बरसता पानी कभी तेज़ कभी रिमझिम … सुखद अहसास है … ठंडी हवाओं का चलना और बालकनी में बैठ फुहारों से खेलना… Read More »अंशु हर्ष की रचनाएँ
नवगीत-संग्रह होंठ नीले धूप में दुख नदी भर सुख अंजुरि-भर दुख नदी-भर जी रहे दिन-रात सीकर! ढही भीती उड़ी छानी मेह सूखे आँख पानी फड़फड़ाते… Read More »हरीश निगम की रचनाएँ