रामजी की रचनाएँ
चोथतीँ चकोरैँ चँहु औरैँ जानि चँदमुखी चोथतीँ चकोरैँ चँहु औरैँ जानि चँदमुखी , रही बचि डरन दसन दुति दँपा के । लीलि जाते बर ही… Read More »रामजी की रचनाएँ
चोथतीँ चकोरैँ चँहु औरैँ जानि चँदमुखी चोथतीँ चकोरैँ चँहु औरैँ जानि चँदमुखी , रही बचि डरन दसन दुति दँपा के । लीलि जाते बर ही… Read More »रामजी की रचनाएँ
आलू जहां मैं जाता हूं वहीं देखता हूं तुम्हें और मुझे अच्छे भी लगते हो तुम उबले हुए भुने हुए और तले हुए भूरे-भूरे लेकिन… Read More »रामजी यादव की रचनाएँ
क्या भूलूँ, क्या याद करूँ पता नहीं क्यों बार-बार यह, इम्तहान यों आ जाता है, सुख से मुसकाते फूलों पर, दुःख का बादल छा जाता… Read More »रामजी मिश्र की रचनाएँ
चल मेरे घोड़े चल मेरे घोड़ टम्मक-टम! चल मेरे घोड़े ठम्मक-टम!! चीता रोके तो लड़ जाना, हाथी टोके तो चढ़ जाना, गफलत मत कर बढ़… Read More »रामजन्मसिंह शिरीष की रचनाएँ
दोहा / भाग 1 शृंगार सुषमा छत्र लगाये धनरिधर, बिहँसि बजावत वेनु। बसौ हिये हरि हित-सहित, ग्वाल ग्वालिनि धेनु।।1।। उर लगियत, परियत पगन, हौं ही… Read More »रामचरित उपाध्याय की रचनाएँ
नागों की फिरे जमात भगवान आपकी दुनियां में अंधेर दिखाई दे गुन्डे बेईमानों का हथफेर दिखायी दे। घूमते-फिरते डाकू-चोर, नाश कर देंगे रिश्वतखोर जगह-जगह अबलाओं… Read More »रामचरन गुप्त की रचनाएँ
मनोहर छटा नीचे पर्वत थली रम्य रसिकन मन मोहत। ऊपर निर्मल चन्द्र नवल आभायुत सोहत।। कबहुँ दृष्टि सों दुरत छिपत मेघन के आडें। अन्धकार अधिकार… Read More »रामचंद्र शुक्ल की रचनाएँ
पांव पैदल और कितनी दूर पाँव-पैदल और कितनी दूर थक गई है देह थक कर चूर थक गए हैं चाँद-तारे और बादल पेड़-पौधे,वन-पत्तियाँ, नदी, सागर… Read More »रामकृष्ण पांडेय की रचनाएँ
चाँदनी रात में नौका विहार चाँदनी बिखेरती रात जगमगा रही और हमें संग लिए नाव चली जा रही आसमान के तले याद के दिए जले… Read More »रामकृष्ण दीक्षित ‘विश्व’की रचनाएँ
दाम-नाम क्या छै साल की छोकरी, सिर पर रखे टोकरी। नहीं बताती दाम है, नहीं बताती नाम है, दाम-नाम क्या पूछना, हमें आम है चूसना!… Read More »रामकृष्ण खद्दर की रचनाएँ