सुनीता शानू की रचनाएँ
मन पखेरु उड़ चला फिर नेह की नजरों से मुझको ऐसे देखा आपने। मन-पखेरु उड़ चला फिर आसमां को नापने। कामना का बाँध टूटा- ग्रंथियां… Read More »सुनीता शानू की रचनाएँ
मन पखेरु उड़ चला फिर नेह की नजरों से मुझको ऐसे देखा आपने। मन-पखेरु उड़ चला फिर आसमां को नापने। कामना का बाँध टूटा- ग्रंथियां… Read More »सुनीता शानू की रचनाएँ
ऋण फूलों-सा इस काया को जिस माया ने जन्म दिया, वह माँग रही-कि जैसे उत्सव के बाद दीवारों पर हाथों के थापे रह जाते जैसे… Read More »सुनीता जैन की रचनाएँ
ये नफ़रत का असर कब तक रहेगा ये नफ़रत का असर कब तक रहेगा नगर सहमा हुआ कब तक रहेगा हक़ीक़त जान जाएगा तुम्हारी ज़माना… Read More »सुनीता काम्बोज की रचनाएँ
बिन तुम्हारे मैं भला कब तक जियूँगा साँस का ये साज न रुक जाये, आओ, रो रहा है हृदय पर आँसू निकलते ही नहीं है।… Read More »सुनीत बाजपेयी की रचनाएँ
शे’र फिरते हैं भेस में हसीनों के। कैसे-कैसे डकैत थांग-की-थांग॥ आह! यह बन्दये-ग़रीब आपसे लौ लगाये क्यों? आ न सके जो वक़्त पर, वक़्त पै… Read More »यगाना चंगेज़ी की रचनाएँ
बगावत की कोई उम्र नहीं होती जब डूबते सूरज को मैंने पर्वत चोटियों को चूमते देखा जब बाग़ के सबसे पुराने दरख़्त को मैंने नई… Read More »लोकमित्र गौतम की रचनाएँ
मेरा तकिया छीन लिया गया न मिले किसी रोज इस्तरी की गई धुली कमीज देह जैसे रूठने लगती है ना-नुकुर करती दिन जैसे बीतता है… Read More »लीलाधर मंडलोई की रचनाएँ
आँधी रात वह हवा चली जिसे आँधी कहते हैं उसने कुछ दरवाजे भड़भड़ाए कुछ खिड़कियाँ झकझोरीं, कुछ पेड़ गिराए कुछ जानवरों और पक्षियों को आकुल-व्याकुल… Read More »लीलाधर जगूड़ी की रचनाएँ
तुम्हारे प्रेम में गणित था–1 वह जो प्रेम था शतरंज की बिसात की तरह बिछा हुआ हमारे बीच तुमने चले दाँव-पेच और मैंने बस ये… Read More »लीना मल्होत्रा की रचनाएँ
पकी पकी फ़सल पकी पकी फसल लहराए ओढ़े पीली सरसों की चुनरिया तेरे खेत में मक्का-बाजरा, मेरे, गेहूँ की बालियाँ गाँव-गाँव घूम रही टोलियाँ, होलिका-दहन… Read More »लावण्या शाह की रचनाएँ