रचना दीक्षित की रचनाएँ
बतकही घर की छत पर रखे अचार, पापड़ और बड़ियाँ मायूस थे पास की छत पर पसरी ओढ़नी और अम्मा की साड़ी धीमे धीमे बतिया… Read More »रचना दीक्षित की रचनाएँ
बतकही घर की छत पर रखे अचार, पापड़ और बड़ियाँ मायूस थे पास की छत पर पसरी ओढ़नी और अम्मा की साड़ी धीमे धीमे बतिया… Read More »रचना दीक्षित की रचनाएँ
क्रांति असहिष्णुता और आक्रोश की अवैध सन्तान हैं क्रांतियाँ आक्रोश के वीर्य से जन्मी असहिष्णुता के गर्भ में पली उसके रक्तपान से पोषित! क्रूर तानाशाहों… Read More »रचना त्यागी ‘आभा’ की रचनाएँ
अमर रहे यह देश अमर रहे यह देश हमारा, अमर रहे। चलोदेश का मान बढ़ाते बढ़े चलें, अंधकार में दीप जलाते बढ़े चलें। हम श्रम… Read More »रघुवीरशरण मित्र की रचनाएँ
पहले बदलो उसने पहले मेरा हाल पूछा फिर एकाएक विषय बदलकर कहा आजकल का समाज देखते हुए मैं चाहता हूँ कि तुम बदलो फिर कहा… Read More »रघुवीर सहाय की रचनाएँ
रघुविन्द्र यादव के दोहे-1 नैतिकता ईमान से, वक़्त गया है रूठ। सनद माँगता सत्य से, कुर्सी चढ़ कर झूठ॥ लगते हैं सद्भाव को, अनगिन गहरे… Read More »रघुविन्द्र यादव की रचनाएँ
पुराने अध्यापक अध्यापकों से हाथ मिलाते समय अनिश्चय-सा छा जाता है एकाएक हिल जाता है मन सिर ऊँचा नहीं हो पाता अपने बढ़ने के अहसास… Read More »रघुवंश मणि की रचनाएँ
चन्दन चौकी बिछा लई, लिया शील गर्म सा पाणी प. लख्मीचंद सांग करने हेतु एक बार गांव बधौली-उ.प. के स्कूल में गए हुए थे, जो… Read More »रघुनाथ शांडिल्य की रचनाएँ
याहि मत जानौ है सहज कहै रघुनाथ याहि मत जानौ है सहज कहै रघुनाथ, अति ही कठि न रीति निपट कुढँग की । याहि करि… Read More »रघुनाथ की रचनाएँ
ढम ढमा ढम डम-डमा डम-डम! खेलें-कूदें हम, डम-डमा डम-डम! ढोल बजाएँ हम, झम-झमा झम-झम! नाचें-कूदें हम, ढम-ढमा ढम-ढम! -प्रकाशन: शिशु, 1929
अगर अनार में वो रौशनी नहीं भरता अगर अनार में वो रौशनी नहीं भरता तो ख़ाक-सार दम-ए-आगही नहीं भरता ये भूक प्यास बहर-हाल मिट ही… Read More »रऊफ़ खैर की रचनाएँ