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विनोद तिवारी की रचनाएँ

टूटती है सदी की ख़ामोशी टूटती है सदी की ख़ामोशी फिर कोई इंक़लाब आएगा मालियो! तुम लहू से सींचो तो बाग़ पर फिर शबाब आएगा… Read More »विनोद तिवारी की रचनाएँ

विनोद कुमार शुक्ल की रचनाएँ

कोई अधूरा पूरा नहीं होता कोई अधूरा पूरा नहीं होता और एक नया शुरू होकर नया अधूरा छूट जाता शुरू से इतने सारे कि गिने… Read More »विनोद कुमार शुक्ल की रचनाएँ

विनीता परमार की रचनाएँ

डिस्पोजेबल एक गति जो लयबद्ध है, जिसमें ताल है,पृथ्वी की गति चांद की गति, वायुयान की गति इन गतियों के बीच एक ऐसी गति जो… Read More »विनीता परमार की रचनाएँ

विनय सिद्धार्थ

कहाँ हो सुदर्शन चक्रधारी उन्होंने मासूमों की ज़िन्दगी बेकार कर डाला। उन निर्दोषों पर चाकुओं से वार कर डाला। गिरे इतना गिरे वह कि हम… Read More »विनय सिद्धार्थ

विनय सौरभ की रचनाएँ

क्‍या नामवरों के शहर की यही गति होती है नवीन कुमार ! यहां अरूण कमल रहते हैं मेरे प्रिय कवि। खगेन्‍द्र ठाकुर हैं यहां ख्‍यात… Read More »विनय सौरभ की रचनाएँ

विनय कुमार मालवीय की रचनाएँ

पानी का चक्कर  एक दिवस चूहे जी से आ बोली चुहिया रानी, नल में आज सवेरे से आया नहीं अरे पानी। एक बालटी पानी की… Read More »विनय कुमार मालवीय की रचनाएँ

विनय मिश्र की रचनाएँ

लोकतंत्र अगर यही है  लोकतंत्र अगर यही है तो हमारे लिए नहीं है वैसे यह तमाशा है या परिवर्तन अथवा इस प्रदर्शन का भी कोई… Read More »विनय मिश्र की रचनाएँ

विनय प्रजापति ‘नज़र’ की रचनाएँ

ग़ज़लें उसने हमसे कभी वफ़ा न की रचना काल: 2004उसने हमसे कभी वफ़ा न कीऔर हमने भी तमन्ना न की बहुत बोलते हैं सब ने… Read More »विनय प्रजापति ‘नज़र’ की रचनाएँ

विनय दुबे की रचनाएँ

मेरा गाँव भी सीख जाएगा मेरे गाँव में भी अब पहुँचने लगे हैं अफ़सर और रहने लगे हैं मेरा गाँव भी अब सीख जाएगा किसी… Read More »विनय दुबे की रचनाएँ