टर्मिनस दो तेज रेलगाडियों की तरह हम एक-दूसरे के पास से गुजर गए, एक की लम्बाई से दूसरे की लम्बाई…
आलम ही और था आलम ही और था जो शनासाइयों में था जो दीप था निगाह की परछाइयों में था…