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‘अदा’ ज़ाफ़री

अनंत कुमार पाषाण की रचनाएँ

टर्मिनस  दो तेज रेलगाडियों की तरह हम एक-दूसरे के पास से गुजर गए, एक की लम्बाई से दूसरे की लम्बाई नप गई। छूट गए पटरी-से… Read More »अनंत कुमार पाषाण की रचनाएँ

‘अदा’ ज़ाफ़री की रचनाएँ

आलम ही और था आलम ही और था जो शनासाइयों में था जो दीप था निगाह की परछाइयों में था वो बे-पनाह ख़ौफ़ जो तन्हाइयों… Read More »‘अदा’ ज़ाफ़री की रचनाएँ