कलीम आजिज़ की रचनाएँ
दिन एक सितम, एक सितम रात करो हो दिन एक सितम, एक सितम रात करो हो । वो दोस्त हो, दुश्मन को भी जो मात… Read More »कलीम आजिज़ की रचनाएँ
दिन एक सितम, एक सितम रात करो हो दिन एक सितम, एक सितम रात करो हो । वो दोस्त हो, दुश्मन को भी जो मात… Read More »कलीम आजिज़ की रचनाएँ