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चंद्र रेखा ढडवाल की रचनाएँ

असल में आदमी असल में एक घोड़ा सवार बिठाए बिठाए न भी दौड़े एक काठी तो बिँधी ही रहती है उसकी माँस-मज्जा से. एक गुलमोहर… Read More »चंद्र रेखा ढडवाल की रचनाएँ

चंद्र कुमार जैन की रचनाएँ

  एक दीप सूरज के आगे लीक से हटकर अलग चाहे हुआ अपराध मुझसे, सच कहूँ, सूरज के आगे दीप मैंने रख दिया है ! प्रश्नों… Read More »चंद्र कुमार जैन की रचनाएँ

चतुर्भुज मिश्र की रचनाएँ

हाय हर सुबह लहू से लथपथ है, हर शाम अनय से काली है । मानवता लगता लुप्त हुई, अब दानवता की पाली है ॥ यह… Read More »चतुर्भुज मिश्र की रचनाएँ

चतुर्भुजदास की रचनाएँ

माखन की चोरी के कारन माखन की चोरी के कारन, सोवत जाग उठे चल भोर। ऍंधियारे भनुसार बडे खन, धँसत भुवन चितवत चहुँ ओर॥ परम… Read More »चतुर्भुजदास की रचनाएँ