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शैलेन्द्र सिंह दूहन की रचनाएँ

आ अधरों पे तू ही तू है  हर मौसम की तू खुशबू है। आ अधरों पे तू ही तू है। तुझ बिन निश-दिन गहन तमी… Read More »शैलेन्द्र सिंह दूहन की रचनाएँ

शैलेन्द्र शान्त की रचनाएँ

कि जैसे हो महाराजे ई ससुरी रोटी-दाल तेल तरकारी चीनी चावल, रोज़ी निकली खोटी भक्ति के आगे दुम दबा कर विकास है भागे भई वाह !… Read More »शैलेन्द्र शान्त की रचनाएँ

शैलेन्द्र शर्मा की रचनाएँ

सावन के झूले यादों में शेष रहे सावन के झूले गाँव-गाँव फैल गई शहरों की धूल छुईमुई पुरवा पर हँसते बबूल रह-रहके सूरज तरेरता है… Read More »शैलेन्द्र शर्मा की रचनाएँ

शैलेन्द्र चौहान की रचनाएँ

पेड़ होने का मतलब समझते हैं लोग क्या पेड़ से होने से,उसके न होने से पेड़ का मतलब छाया, हवा,लकड़ी, हरियाली पेड़ जब सनसनाते सन्नाटे… Read More »शैलेन्द्र चौहान की रचनाएँ

शैलेंद्र चतुर्वेदी की रचनाएँ

चरखे़ की प्रतिज्ञा  मेरे चरख़े का टूटे न तार, हरदम चलाता रहूं। भारत के संकट पे तन-मन लगा दूं, प्राणों को कर दूं न्यौछार, खद्दर… Read More »शैलेंद्र चतुर्वेदी की रचनाएँ

शैलेन्द्र की रचनाएँ

जिस ओर करो संकेत मात्र  जिस ओर करो संकेत मात्र, उड़ चले विहग मेरे मन का, जिस ओर बहाओ तुम स्वामी,बह चले श्रोत इस जीवन… Read More »शैलेन्द्र की रचनाएँ

शैलजा सक्सेना की रचनाएँ

अदल-बदल  अगर हम फिर से शुरू करें ज़िंदगी, तो क्या-क्या बदलोगे तुम? और क्या-क्या बदलूँगी मैं? मैं अपनी हर बात में सावन सी बरसती आँखों… Read More »शैलजा सक्सेना की रचनाएँ

शैलप्रिया की रचनाएँ

स्वगत कविता सहेली की साल नहीं जिसे मौसम के मुताबिक माँग कर लपेट लिया जाए कविता मेरा मन है संवेदना है मुझसे फूटी हुई रसधारा… Read More »शैलप्रिया की रचनाएँ

शैलजा पाठक की रचनाएँ

पायताने बैठ कर १ एक छोटे ब‘चे की हथेली में तेल से अम्मा एक गोल बनाती कहती ये लो लड्डू भैया दूसरी हथेली बढ़ा देता… Read More »शैलजा पाठक की रचनाएँ

शैलजा नरहरि

लड़की बहुत ज़ोर से हँसती हो तुम ऐसे नहीं हँसते मुसकुराना तो और भी ख़तरनाक है चलते वक़्त भी ध्यान रखा करो क़दमों की आवाज़… Read More »शैलजा नरहरि