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श्याम सुशील की रचनाएँ

दुख ज़मीन है दुख ज़मीन है एक बीज-सा जिसमें कुनमुनाता है सुख लहर है दुख अनंत सागर की एक मछली-सा जिसमें डूबता-उतराता है जीवन अंधेरे… Read More »श्याम सुशील की रचनाएँ

श्याम सुन्दर नंदा नूर की रचनाएँ

बड़े अदब से जो उसने सलाम भेजा है बड़े अदब से जो उसने सलाम भेजा है। ये लग रहा है महब्बत का जाम भेजा है।… Read More »श्याम सुन्दर नंदा नूर की रचनाएँ

श्याम सुन्दर अग्रवाल की रचनाएँ

आज हमारी छुट्टी है  रविवार का प्यारा दिन है, आज हमारी छुट्टी है । उठ जायेंगे क्या जल्दी है, नींद तो पूरी करने दो ।… Read More »श्याम सुन्दर अग्रवाल की रचनाएँ

श्याम सखा ’श्याम’की रचनाएँ

यारो मैने खूब ठगा है यारो मैने खूब ठगा है खुद को भी तो खूब ठगा है पहले ठगता था औरों को कुछ भी हाथ… Read More »श्याम सखा ’श्याम’की रचनाएँ

श्याम लाल शर्मा की रचनाएँ

विरह-प्रसंग (1-25 दोहे) 1. पीड़ा मन की कत कहूँ, सबद न सूझे कोय । प्रीतम सुधि महँ मन दुखी, चुपके-चुपके रोय ।। 2. तबहिं ते… Read More »श्याम लाल शर्मा की रचनाएँ

श्याम बिहारी श्यामल की रचनाएँ

नदी-1 नदी ने जब-जब चाहा गीत गाना रेत हुई कंठ रीते धूल उड़ी खेत हुई नदी-2 चट्टानों से खूब लड़ी बढ़ती चली बहती गई मगर… Read More »श्याम बिहारी श्यामल की रचनाएँ

श्याम निर्मम की रचनाएँ

कण्ठ सभी भर्राए आँखों में सपनों की भरी नदी सूख गई, और हमें मरुथल के संग-संग बहना है। गढ़ते वक्तव्य रहे बस्ती के सीने पर,… Read More »श्याम निर्मम की रचनाएँ

श्याम नारायण मिश्र की रचनाएँ

अहसासों का चौरा दरका कौन करे दिये-बत्तियाँ तुमने जो लिखी नहीं मैंने जो पढ़ी नहीं आँखों में तैर रहीं चिट्ठियाँ छाती से सूरज का दग्ध-लाल… Read More »श्याम नारायण मिश्र की रचनाएँ

श्याम किशोर सेठ की रचनाएँ

कुत्ते की दुम जब भी किसी कोने से उठती है पुकार कोयल की तभी भौंकने लगता है मेरे पड़ौसी का कुत्ता और मैं कोयल की… Read More »श्याम किशोर सेठ की रचनाएँ

श्याम कश्यप की रचनाएँ

क्रांतिकारी विचार  तुम दफ़ना आए थे उन्हें पहाड़ों के पार गहरी क़ब्रों के भीतर लेकिन वहाँ हरी-हरी घास उग आई है भीतर की नन्हीं-नन्हीं जीवित… Read More »श्याम कश्यप की रचनाएँ