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संध्या पेडणेकर की रचनाएँ

रिश्ते स्नेह नहीं शुष्क काम है लपलप वासना है क्षणभंगुर क्षण के बाद रीतनेवाली मतलब से जीतनेवाली रिश्तेदारी है खाली घड़े हैं अनंत पड़े हैं… Read More »संध्या पेडणेकर की रचनाएँ

संध्या नवोदिता की रचनाएँ

औरतें-1 कहाँ हैं औरतें ? ज़िन्दगी को रेशा-रेशा उधेड़ती वक़्त की चमकीली सलाइयों में अपने ख़्वाबों के फंदे डालती घायल उँगलियों को तेज़ी से चला रही… Read More »संध्या नवोदिता की रचनाएँ

संध्या गुप्ता की रचनाएँ

अधूरा मकान-1  उस रास्ते से गुज़रते हुए अक्सर दिखाई दे जाता था वर्षों से अधूरा बना पड़ा वह मकान वह अधूरा था और बिरादरी से… Read More »संध्या गुप्ता की रचनाएँ

संदीप ‘सरस’ की रचनाएँ

गीत  शारदे लेखनी में समा जाइए शारदे लेखनी में समा जाइए, मेरे गीतों की गरिमा सँवर जायेगी। प्रेरणा आप हो अर्चना आप हो, मेरे मन… Read More »संदीप ‘सरस’ की रचनाएँ

संदीप द्विवेदी की रचनाएँ

मैं धन्य हूँ जन्मा यहाँ भारत भुवन की नींव में है शौर्य की उत्रिष्ठ प्रतिमा भारत के कंठों में भरी है वीरता की दिव्य गरिमा… Read More »संदीप द्विवेदी की रचनाएँ

संतोष श्रीवास्तव की रचनाएँ

बचा लेता है  कागज वज़नदार होता है जब नोट बन जाता है रौंद डालता है सारे आदर्श, मानवीयता, रिश्ते निगल लेता है जीवन मूल्य झोपड़ी… Read More »संतोष श्रीवास्तव की रचनाएँ

संतोष कुमार सिंह की रचनाएँ

मातृभूमि तेरी जय हो मातृभूमि तेरी जय हो। पुण्यभूमि तेरी जय हो।। शस्य श्यामला जन्मदायिनी। रत्नगर्भ संचित प्रदायिनी।। हिमगिरि मस्तक मुकुटधारिणी। बहती गंगा मुक्तदायिनी।। ईश्वर… Read More »संतोष कुमार सिंह की रचनाएँ

संतोष कुमार चतुर्वेदी की रचनाएँ

परिवहन निगम की बस में सांसद-विधायक सीट  परिवहन निगम की बस में यात्रा करते हुए आपने भी देखा होगा कि एक समूची सीट के उपर… Read More »संतोष कुमार चतुर्वेदी की रचनाएँ

संतोष कुँअर की रचनाएँ

बंदर मामा बंदर मामा बी.ए. पास,दुलहिन लाए एम.ए. पासमामा बोले-‘घूँघट कर’,मामी बोली-‘मुझसे डर’।मैं लड़की हूँ एम.ए. पास,मैंने खोदी नहीं है घास।फिल्म देखने जाऊँगी,आकर गीत सुनाऊँगी।रोटी… Read More »संतोष कुँअर की रचनाएँ

संतोष आनन्द की रचनाएँ

ओ मेघा रे, मेघा रे ओ मेघा रे, मेघा रे ओ मेघा रे, मेघा रे मत परदेस जा रे आज तू प्रेम का संदेश बरसा… Read More »संतोष आनन्द की रचनाएँ