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अनुज कुमार

अनुज कुमार की रचनाएँ

कोई पूछता चावल,बोरे में बचा था कुछ चावल,चावल — जिससे मिटाते हैं भूख,चावल बस एक समय का । इन्तज़ार,रात का इन्तज़ार,स्याह होने का इन्तज़ार,इन्तज़ार-तारों का… Read More »अनुज कुमार की रचनाएँ