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अमीर हम्ज़ा साक़िब

अमीर हम्ज़ा साक़िब की रचनाएँ

बदन के लुक़मा-ए-तर को हराम कर लिया है  बदन के लुक़मा-ए-तर को हराम कर लिया है के ख़्वान-ए-रूह पे जब से तआम कर लिया है… Read More »अमीर हम्ज़ा साक़िब की रचनाएँ