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असंगघोष

असंगघोष की रचनाएँ

कहाँ हो मुक्तिदाता नाचता रहा दिन-ब-दिन अपनों की ही उँगलियों पर उनके इशारों के अनुरूप / तृप्त करता रहा उनकी लालसाएँ हरदम मारकर अपनी इच्छाएँ… Read More »असंगघोष की रचनाएँ