‘असअद’ भोपाली की रचनाएँ
दो-जहाँ से मावरा हो जाएगा दो-जहाँ से मावरा हो जाएगा जो तेरे ग़म में फ़ना हो जाएगा दर्द जब दिल से जुदा हो जाएगा साज़-ए-हस्ती… Read More »‘असअद’ भोपाली की रचनाएँ
दो-जहाँ से मावरा हो जाएगा दो-जहाँ से मावरा हो जाएगा जो तेरे ग़म में फ़ना हो जाएगा दर्द जब दिल से जुदा हो जाएगा साज़-ए-हस्ती… Read More »‘असअद’ भोपाली की रचनाएँ