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उमैर मंज़र

उमैर मंज़र की रचनाएँ

इल्म ओ फ़न के राज़-ए-सर-बस्ता को वा करता हुआ इल्म ओ फ़न के राज़-ए-सर-बस्ता को वा करता हुआ वो मुझे जब भी मिला है तर्जुमा… Read More »उमैर मंज़र की रचनाएँ