कुँअर बेचैन की रचनाएँ
पिन बहुत सारे (कविता) जिंदगी का अर्थ मरना हो गया है और जीने के लिये हैं दिन बहुत सारे । इस समय की मेज़ पर… Read More »कुँअर बेचैन की रचनाएँ
पिन बहुत सारे (कविता) जिंदगी का अर्थ मरना हो गया है और जीने के लिये हैं दिन बहुत सारे । इस समय की मेज़ पर… Read More »कुँअर बेचैन की रचनाएँ
कुँअर उदयसिंह अनुज के दोहे-1 कैसा सींचा आपने, कैसी करी सँवार। उपजाऊ इस खेत की, फ़सलें हैं बीमार। ग़लत जुटाया आपने, यह साज़ो-सामान। बनते-बनते ढह… Read More »कुँअर उदयसिंह ‘अनुज’ की रचनाएँ
जंगल-1 किसी अनजानी जगह में कोई अनजाना किससे राह पूछे जहाँ सबको अपनी-अपनी पड़ी हो वहाँ कौन किसकी बात सुने यहाँ सबने सीखी हुई है… Read More »कीर्त्तिनारायण मिश्र की रचनाएँ
लता-1 बड़े-बड़े गुच्छों वाली सुर्ख़ फूलों की लतर : जिसके लिए कभी ज़िद थी — ’यह फूले तो मेरे ही घर !’ अब कहीं भी दिखती है… Read More »कीर्ति चौधरी की रचनाएँ
वादा करके मेरे श्याम दग़ा दी तूने वादा करके मेरे श्याम दग़ा दी तूने। गै़रों के रहके सारी रात गमा दी तूने॥ शाम से रात… Read More »कीरति कुमारी की रचनाएँ
खेल-खिलौने छिन-छिनाकी बुबला-बू, मेले से लाया बिट्टू। ढम-ढम ढोलक, बाजी बीन, गांधी जी के बंदर तीन! सुनकर भालू की खड़ताल, नीलू-पीलू हैं बेहाल। उनका घर… Read More »किसलय बंद्योपाध्याय की रचनाएँ
हौसला शर्ते वफ़ा क्या करना हौसला शर्त-ए-वफ़ा क्या करना बंद मुट्ठी में हवा क्या करना जब न सुनता हो कोई बोलना क्या क़ब्र में शोर… Read More »किश्वर नाहिद की रचनाएँ
दोहा / भाग 1 ‘ब्रज चन्द विनोद’ से सेवक गिरिजा नाथ का, मेरे मन यह आश। चींटी जैसे चाहती, उड़ जाऊँ आकाश।।1।। वैसे ही यह… Read More »किशोरचन्द्र कपूर ‘किशोर’ की रचनाएँ
चंदा मामा, घर आ जाओ चंदा मामा, चंदा मामा, मेरे घर आ जाओ मामा! चंदा मामा, चंदा मामा कहाँ तुम्हारा नया पजामा? ऊपर से मुसकाते… Read More »किशोरकुमार कौशल की रचनाएँ
अम्बिन तैं अम्बर तैं अम्बिन तैं अम्बर तैं, द्रुमनि दिगम्बर तैं अपर अडंबर तैं, सखि सरसो परै। कोकिल की कूकन तैं, हियन की कन तैं,… Read More »किशोर की रचनाएँ