Skip to content

छत्रनाथ

छत्रनाथ की रचनाएँ

जय, देवि, दुर्गे, दनुज गंजनि जय, देवि, दुर्गे, दनुज गंजनि, भक्त-जन-भव-भार-भंजनि, अरुण गति अति नैन खंजनि, जय निरंजनि हे। जय, घोर मुख-रद विकट पाँती, नव-जलद-तन,… Read More »छत्रनाथ की रचनाएँ